चेन्नई। दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की जांच की बढ़ती मांग के बीच तमिलनाडु सरकार ने इसके लिए हाई कोर्ट के एक अवकाशप्राप्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक जांच आयोग का गठन किया। राज्य के एक मंत्री ने हाल ही दावा किया था कि अन्नाद्रमुक नेताओं ने जयललिता की सेहत की स्थिति के बारे में झूठ बोला था। सरकार की ओर से जांच आयोग की यह घोषणा उसके बाद हुई।
यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया, पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की जांच करने और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए हाई कोर्ट के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश जस्टिस अरूमुगासामी के नेतृत्व में एक जांच आयोग गठित किया गया है। विज्ञप्ति के अनुसार इस उद्देश्य से एक सरकारी आदेश जारी किया गया है। जयललिता को 22 सितंबर 2016 को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 75 दिन बाद उनकी मौत हो गई।
जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराने और उनकी मौत से जुड़े घटनाक्रम पर शंकाएं जताई जा रही हैं। अन्नाद्रमुक के विभिन्न धड़ों के साथ ही द्रमुक और अन्य विपक्षी पार्टियां इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त को मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने घोषणा की थी कि एक जांच आयोग जयललिता की मौत की जांच करेगा।