नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडु ने सदन के 250 वें सत्र को ऐतिहासिक एवं सार्थक करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इसकी कार्यप्रणाली से पूरे देश में सकारात्मक संदेश गया है। नायडू ने सदन के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अपने समापन वक्तवय में कहा कि राज्यसभा का यह सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक एवं सार्थक रहा है। इस सत्र में सभी पक्षों के सदस्यों ने अपनी प्रतिबद्धता और कर्मठता से कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया और लोक महत्व के मुद्दों पर सार्थक चर्चा की।
इन विधेयकों में उभयलिंगी व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के लिए लोकसभा एवं विधानसभाओं में आरक्षण तथा ई. सिगरेट प्रतिबंधित करने समेत 15 विधेयक शामिल रहे। सत्र के अंतिम सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन के उप सभापति हरिवंश, सदन के नेता थावरचंद गहलोत, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद तथा अन्य दलों के नेता मौजूद थे। नायडू ने कहा कि यह सत्र उत्पादकता और गुणवत्ता के संदर्भ में बेजोड़ रहा है।
सदस्यों ने गंभीरता से काम किया और सदन की गरिमा बनायें रखी। प्रश्नकाल के दौरान रिकार्ड प्रश्न पूछे गये और विशेष उल्लेख के जरिए जनहित के मुद्दे उठायें गये। सभी सदस्यों ने विचारधाराओं के विरोध के बावजूद सदन की प्रतिष्ठा बनाये रखी। सदन अपनी कार्यप्रणाली से देशभर में सकारात्मकता का संदेश देने में कामयाब रहा है।