शामली। बहुचर्चित फिल्म ‘पानीपत’ में महाराज सूरजमल के चरित्र को तोड़ मरोडकर दिखाए जाने के विरोध में मंगलवार को यहां कलेक्ट्रेट पर जाटमहासभा के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के साथ निर्माता निर्देशकों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश जाट महासभा के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर पानीपत फिल्म के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा । ज्ञापन में पानीपत फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। इस बीच महासभा के अध्यक्ष धर्मवीर सिंह निर्वाल ने कहा कि इस फिल्म में महाराजा सूरजमल के चरित्र को अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है, शारीरिक रूप से जिस व्यक्ति को महाराजा सूरजमल के रोल में दिखाया गया है वह महाराज सूरजमल से कहीं भी मेल नहीं खाता ।
फिल्म में जिस भाषा का इस्तेमाल सूरजमल के चरित्र द्वारा किया जा रहा है, वह उस समय बोली जाने वाली ब्रज भाषा से उलट है। साथ ही मराठा सरदार के साथ सहयोग नहीं करने का कारण जो दिखाया गया है वह भी ऐतिहासिक रूप से झूठा है । ऐतिहासिक प्रमाणों के मुताबिक आगरा के किला तो उस समय भी महाराजा सूरजमल के नियंत्रण में था। उन्होंने कहा कि पानीपत फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड मरोडकर दिखाया गया है । फिल्म में समाज के महापुरुषों को अपमानित किया है। उन्होंने कहा कि फिल्म के निर्देशक आशुतोष गोवारिकर, प्रोड्यूसर सुनीता गोवारिकर, लेखक अशोक चक्रधर द्वारा जान बूझकर एक जाति के महापुरुषों को अपमानित करके फिल्म की पब्लिसिटी हासिल करने का ओछा हथकंडा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने पानीपत फिल्म पर प्रतिबंध लगाकर उसके निर्माता निर्देशों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। इस मौके पर बाबा सूरजमल, देवराज पहलवान, चौ. सोमपाल, चौ. धर्मवीर सिंह, हर्ष निर्वाल, चौ. सनित, सन्नी,सतवीर, अमरदीप, अजित पंवार, अरूण तोमर, मोनू डाबर, मनीष मुखिया आदि भी मौजूद रहे।