राजकोट। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को कहा कि समाज के संतुलन के लिए डॉक्टर, पुलिस और शिक्षक की प्रतिष्ठा आवश्यक है। व्यावसायिकरण के इस दौर में जब प्रत्येक संबंध चर्चा के केंद्र में हैं, तब इन तीनों संबंधों में अपनेपन की सुरक्षा का एहसास होता है जो सुचारु सामाजिक संचालन के महत्वपूर्ण आयाम हैं। रूपाणी ने आज यहां प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजेश तेली की पुस्तक 'संजीवनी स्पर्श' का विमोचन करते हुए कहा कि पुस्तक में अभिव्यक्त हुआ मानवीय संवेदना के जतन का सफर सराहनीय है। ऐसे संवेदनशील सफर के सृजन और पूरे समाज को उसका रसास्वादन कराने के लिए मुख्यमंत्री ने डॉ. तेली को बधाई दी। डॉ. राजेश तेली के फैमिली डॉक्टरों के लिए राज्यव्यापी श्रृंखला बनाने के सुझाव पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के इस जमाने में भी फैमिली डॉक्टर समाज के लिए आशा की किरण के समान हैं। उनके साथ व्यक्तिगत संबंधों के चलते बना भरोसा रोगी को सही होने में अहम भूमिका अदा करता है।
जनसामान्य की स्वास्थ्य रक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित की गई मुख्यमंत्री अमृतम-मा योजना के विभिन्न मानवीय पहलुओं पर रोशनी डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 60 लाख परिवार इस योजना से जुड़े हैं जिसका लाभ राज्य के नागरिकों को मिल रहा है। उपस्थित डॉक्टरों ने इस बात का तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया। डॉक्टरों के सामाजिक उत्तरदायित्व को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने उपस्थित डॉक्टरों को अपने उम्दा व्यवसाय को लांछन न लगाने और लोगों के स्वास्थ्य के प्रति अपनी जवाबदारी को व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामूहिक समझकर निभाने की सीख दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि डॉ. राजेश तेली की पुस्तक मेडिकल क्षेत्र में अनेक लोगों के लिए मार्गदर्शक साबित होगी। इस मौके पर डॉ. तेली के परिजनों ने मुख्यमंत्री का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। डॉ. राजेश तेली ने अपनी पुस्तक 'संजीवनी स्पर्श' के सृजन की पृष्ठभूमि का भावुकता के साथ वर्णन किया।