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वैश्विक मंदी के बावजूद हिमाचल का राजस्व संग्रह बढ़ा: जयराम

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 8 2019 12:37AM | Updated Date: Dec 8 2019 12:37AM
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शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि वैश्विक मंदी होने के बावजूद राज्य का 30 नवम्बर, 2019 तक कुल कर राजस्व संग्रह 17.2 प्रतिशत तक बढ़ा है। ठाकुर ने आज यहां कहा कि नवम्बर, 2018 तक 2727 करोड़ रुपये के मुकाबले नवम्बर, 2019 को 3198 करोड़ रुपये का कर संग्रहण किया गया है जिसमें 471 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि शिमला और बद्दी राजस्व जिलों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए क्रमश: 85 करोड़ रुपये और 111 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की है।

30 नवम्बर, 2019 तक उत्पाद शुल्क में गत वित्त वर्ष के इसी अवधिक के मुकाबले 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गत वर्ष 30 नवम्बर तक 956 करोड़ रुपये के मुकाबले इस वर्ष 1060 करोड़ रुपये का उत्पाद शुल्क एकत्रित किया गया जो 104 करोड़ रुपये अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 नवम्बर, 2019 तक जीएसटी राजस्व में गत वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। गत वर्ष 30 नवम्बर, 2018 के 1859.07 करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह के मुकाबले इस वर्ष 2315.63 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित हुआ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राजस्व वृद्धि के लिए कई प्रयास तथा इसकी नियमित रूप से समीक्षा कर रही है।  उन्होंने कहा कि जीएसटीआर-3बी के अंतर्गत ऑनलाईन जीएसटी उपभोक्ताओं का पंजीकरण 95 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ठाकुर के अनुसार जीएसटी के ‘डेस्टिनेशन प्रिंसिपल’ को गैर-प्रवर्तन रूप में लागू करने से प्रदेश को राजस्व का नुकसान हो रहा है तथा इस मामले को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र शासित चंडीगढ़ के प्रशासक के साथ उनके करों और शराब पर लगने वाले कर को तर्कसंगत बनाने का मामला उठाया है ताकि हिमाचल प्रदेश के लिए यह हानिकारक सिद्ध न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन, निर्माण और जल-विद्युत परियोजनाओं आदि में जीएसटी के प्रभावी प्रवर्तन को सुनिश्चित कर रही है। इसके अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, टोल और अन्य ठेकेदारों से बकाया वसूलने तथा उसे सरकारी खजाने में जोड़ने के प्रयास कर रही है।  

 
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