इंदौर। रविवार का दिन शहर के पेट और डॉग लवर्स के लिए बहुत खास रहा। फागुन गार्डन में हुए केनल क्लब ऑफ़ इंडिया के डॉग शो में 50 से ज्यादा ब्रीड्स के करीब 200 डॉग्स को देखकर बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के मन में उत्सुकता और होंठों पर मुस्कान आ गई। क्यूट लिटिल पेट डॉग कॉर्गी और खूबसूरत सफ़ेद एस्किमो डॉग सेमोइड लोगों को जहाँ भी नज़र आते लोग उनके साथ सेल्फी लेने चले आते। वही रशिया के बोरज़ाई और इटली के गार्ड डॉग केन कोर्सो और डोगो अर्जेन्टीनो जैसे स्ट्रांग डॉग्स भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे। लोग इनके ब्रीडर्स से इनकी कीमत, रख-रखाव और खानपान की जानकारी लेते रहे। शो को देखने के लिए दिन भर में 8 हजार लोग यहाँ पहुचें। आयोजक अहिल्या नगरी केनल क्लब के सेक्रेटरी अजय जैनकार ने बताया कि इस डॉग शो के लिए दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों से 50 से ज्यादा ब्रीड्स के रजिस्टर्ड डॉग्स इंदौर आए। इन डॉग्स के बॉडी स्ट्रक्चर, बिहेवियर, स्टेमिना और वाकिंग स्किल्स को परखने के लिए शो में 11 राउंड्स हुए। सभी मापदंडों पर खरे उतरने वाले 8 डॉग्स को पुरस्कृत किया गया। शो का उद्घाटन करने के लिए खासतौर पर शहर की महापौर मालिनी सिंह गौड़ आई थी। शो की जज गौरी नारगोलकर ने हर डॉग का अच्छी तरह फिजिकल टेस्ट किया और जो भी कमी देखी उसके बारे में डॉग ऑनर को भी बताया। उन्होंने कहा शो में हिस्सा लेके लोगो मे जागरूकता बढ़ती जा रही है, बच्चे भी डॉग हैंडलर बन रहे है जिस्से उनका डॉग के साथ अटेचमेंट बढ़ता जा रहा है। इंदौर के फ्रेंच बुलडॉग, जर्मन शेफर्ड और बीगल को बेस्ट इन ब्रीड का अवार्ड मिला।
वर्किंग डॉग्स का टैलंट देख अचरज से भर गए लोग
सेक्रेटरी अजय जैनकर ने बताया शो में खास आकर्षण का केंद्र रहा वर्किंग डॉग्स का डेमोंस्ट्रेशन। इसमें डॉग्स ने डिफिकल्टी कोर्स के तहत सीढ़ियों पर चढ़ना, सीसॉ झूले पर से चढ़ना और उतरना, टनल में से निकलना और ऊंचाई वाले स्थान पर चलने जैसी स्किल्स का डेमो दिया। इतना ही नहीं इन डॉग्स ने कार हाइजेक को रोकने और किसी भी ही तरह के हमले या कठिन परिस्थिति में अपने मालिक की रक्षा करने का भी डेमोस्ट्रेशन दिया। वर्किंग डॉग्स को अपाहिज लोगों की मदद करने के लिए भी ट्रेनिंग दी जाती है। यहाँ इस स्किल का भी डेमो लोगों को देखने का मौका मिला। डॉग के ओनर अपनी मदद के लिए उन्हें जो भी काम कहते या कोई सामान लेन के लिए कहते, डॉग उन्हें तुरंत देते। इस पुरे डेमोस्ट्रेशन को लीड करने वाले डॉग बिहेवियरिस्ट अकरम खान ने बताया कि वैसे तो इस तरह की ट्रेनिंग तो विशेष रूप से जर्मन शेफर्ड, डाबर मैन, ब्रॉट व्हीलर और बेल्जियन मेलिनोइस जैसी वर्किंग डॉग ब्रीड्स को दी जाती है पर बाकि डॉग्स को भी इन सभी चीजों को बेसिक ट्रेनिंग दी जनि चाहिए ताकि वे विपरीत परिस्थितियों में खुद की और अपने मालिक की रक्षा कर पाएं। वर्किंग डॉग ब्रीड्स के लिए यह ट्रेनिंग पहले महीने से ही शुरू हो जाती है जबकि बाकि डॉग्स के लिए तीन महीने की उम्र से भी ट्रेनिंग शुरू की जा सकती है। यह ट्रेनिंग सेशन तीन हिस्सों में किया जाता है पहला पपी ऐज में दूसरा ट्रेनिंग सेशन मिडिल ऐज में और आखरी सेशन जब डॉग पूरी तरह से विकसित हो जाए तब। हर व्यक्ति को अपनी जरूरत के अनुसार ही डॉग ब्रीड लेनी चाहिए। यदि आपको रक्षा के लिए डॉग चाहिए तो इन चारों ब्रीड्स के डॉग्स में से किसी को चुने पर फ्रेंडली डॉग चाहिए तो लेब्रोडोर जैसी ब्रीड्स को चुनें।
बच्चों ने सीखी मूक प्राणियों के प्रति अच्छा व्यव्हार करने की कला
इस डॉग शो के देखने के लिए खासतौर पर आइडियल एकेडमी से 150 स्कूल स्टूडेंट्स भी आए थे। यहाँ पूरी दुनिया में मिलने वाली डॉग्स की अलग-अलग प्रजातियों को एक ही स्थान पर देखकर बच्चें बेहद उत्साहित थे। इस मौके पर डॉग लवर और एनीमल एक्टिविस्ट वंदना जैन ने बच्चों को डॉग्स को ट्रीट करने का सही तरीके सिखाएं। उन्होंने कहा कि इन मूक प्राणियों से यदि आप प्यार से बात करेंगे तो ये भी आपसे प्यार से ही पेश आएंगे, आपको कभी इनसे डरने की जरूरत नहीं होगी। याद रखिएगा डॉग्स तभी काटते हैं जब वो भूखें होते हैं इसलिए आपके पास बासी रोटी, टोस्ट, बिस्किट, ब्रेड के टुकड़ें जो कुछ भी हो इन्हे जरूर खिलाएं। इन मूक प्राणियों की जिम्मेदारी भी हमारी ही है।
डॉग के लिए भी जरुरी है मदर टच
डॉग शो में 25 ब्रीड्स के 30 डॉग्स लेकर आए शहर के डॉग लोवर संदीप टिबरेवाल कहते है डॉग्स के लिए भी मदर टच जरुरी होता है इसलिए अपने डॉग को समय जरूर दें। डॉग ओनर्स को दिन 3 बार 10-10 मिनिट का समय डॉग्स को देना चाहिए। इससे ओनर और डॉग के बीच अटैचमेंट बनता है। इस बार में शो मेरे अफगान आउंस और न्यू फॉउंडलैंड इस बार आकर्षण का केंद्र रही। इसके अलावा मैं ऐसी खास चार ब्रीड भी लेकर आया हूँ, जिन्हें कल ही इंपोर्ट करके लाया गया है। ये चारों अभी शो के लिए तो तैयार नहीं है पर शहरवासियों को इन नई ब्रीड्स के परिचित करवाने के लिए मैं इन्हें यहाँ लेकर आया हूँ।
पहले स्थान
नाम- फीफी
ब्रीड- डॉबरमेन पिंचर
शहर- भोपाल
मालिक का नाम- विष्णु दत्त त्रिपाठी
खासियत- बेस्ट एनोटॉमी
दूसरे स्थान
नाम- पब्जी
ब्रीड- लेब्राडोर रिट्रीवर
शहर- भोपाल
मालिक का नाम- कमलेश बेंडवाल
तीसरे स्थान
नाम - डैनी
ब्रीड - टॉय पोम
शहर- धार
मालिक का नाम- रवि सोनी