भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने विधानसभा सत्र बुलाए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा राज्यपाल को लिखे पत्र की आलोचना करते हुए आज कहा कि भार्गव सत्ता की लालसा में नियम कायदे भूल गए हैं। ओझा ने यहां जारी अपने बयान में कहा कि सत्ता की लालसा में भार्गव जैसे वरिष्ठ विधायक नियम कायदों को भूल गए हैं या जानबूझकर भूलने का नाटक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल भार्गव जैसे भाजपा के बडे नेता पेयजल, कानून व्यवस्था या किसानों की कर्जमाफी जैसे मुद्दों से नहीं, बल्कि पंद्रह सालों से मिली सत्ता की मलाई छिन जाने के कारण बेहद आहत हैं।
ओझा ने आगे कहा कि राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में भार्गव ने पेयजल, कानून व्यवस्था और कर्जमाफी जैसे जिन मुद्दों का जिक्र किया है, उन सभी मोर्चों पर कमलनाथ सरकार पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है और वैसे भी नियम और परम्परा के मुताबिक विधानसभा का सत्र सरकार बुलाती है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा कांग्रेस सरकार गिराने को लेकर हमारे विधायक तोड़ने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह सफल नहीं होगी। ओझा ने कहा कि भाजपा के लिए बेहतर होगा कि वह सत्ता के सपने देखना, जो कभी पूरे नहीं होंगे, उसे छोड़कर पांच सालों तक जनहितैषी कमलनाथ सरकार के साथ मिलकर प्रदेश के विकास में सकारात्मक विपक्ष की भूमिका अदा करें।