धर्मशाला। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में आठ विकेट से हरा दिया है। इसके साथ ही टीम इंडिया ने चार मैचों की सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमा लिया। कल खेल के तीसरे दिन टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में महज 137 रन के अंदर समेट कर दिया और आज खेल के चौथे दिन जीत के लिए 106 रन के लक्ष्य को मात्र दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। टीम इंडिया ने चार साल के बाद ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज जीती है।
लगातार जीती 7 टेस्ट सीरीज
टेस्ट इतिहास में टीम इंडिया ने पहली बार लगातार सात टेस्ट सीरीज जीतने का कारनामा किया है। टीम इंडिया ने विराट की कप्तानी में लगातार 7 टेस्ट सीरीज जीती हैं। यह सिलसिला श्रीलंका के खिलाफ साल 2015 सीरीज जीत (2-1) से शुरू हुआ था। उसके बाद टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका (3-0), वेस्टइंडीज (2-0), न्यूजीलैंड (3-0), इंग्लैंड (4-0) और फिर बांग्लादेश (1-0) को हराया। और अब ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराया।
जीत के लिए चाहिए थे 106 रन
भारत को जीत के लिए 106 रनों का आसान सा लक्ष्य मिला था जिसका पीछा करते हुए दिन का खेल खत्म होने तक मेजबानों ने बिना कोई विकेट खोए 19 रन बना लिए थे। मुरली विजय (नाबाद 6) और लोकेश राहुल (नाबाद 13) की सलामी जोड़ी क्रीज पर मौजूद थे। चौथे दिन भारत को मैच जीतने के लिए मात्र 87 रन की जरूरत थी। चौथे दिन भारत ने अपने दो विकेट खोकर इस लक्ष्य को पूरा कर लिया और सीरीज अपने नाम कर ली।
धर्मशाला में टीम इंडिया का रिकॉर्ड
धर्मशाला में पहली बार कोई टेस्ट मैच खेल गया, जिसे टीम इंडिया ने जीत लिया। इस मैदान पर इससे पहले 3 वनडे और 8 टी-20 मैच हुए थे, जिनमें से टीम इंडिया ने तीन में से दो वनडे जीते हैं, जबकि एकमात्र टी-20 में उसे दक्षिण अफ्रीका के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। ऑस्ट्रेलिया ने यहां केवल टी-20 खेला है, जिसमें न्यूजीलैंड ने उसे हरा दिया था।
ऐसे तीसरे खिलाड़ी बने जडेजा
रवींद्र जडेजा ने इस सीजन में गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी कमाल दिखाया है। उन्होंने 2016-17 के सीजन में 50 से अधिक के स्कोर बनाए हैं। धर्मशाला में उन्होंने कॅरियर की सातवीं फिफ्टी ठोकी, जो ऐसे समय आई है, जब टीम इंडिया को इसकी खासी जरूरत थी। विश्व क्रिकेट में जडेजा सहित तीन खिलाड़ी ही ऐसे हैं, जिन्होंने किसी सीजन विशेष में 500 से अधिक रन बनाने के साथ ही 50 से अधिक विकेट भी लिए हैं। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के मिचेल जॉनसन ने 2008-09 के सीजन में और भारत के ही कपिल देव ने 1979-80 के सीजन में यह कमाल किया था।