लखनऊ। विश्व कप के लिए भारत अंडर-19 टीम के कप्तान चुने गये उत्तर प्रदेश के मेरठ के युवा बल्लेबाज प्रियम गर्ग के क्रिकेट के प्रति समर्पण और नेतृत्व क्षमता के सभी कायल हैं। क्रिकेट की दुनिया के भगवान सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानने वाले प्रियम ने हाल ही में अफगानिस्तान-अंडर 19 के खिलाफ भारतीय टीम का नेतृत्व करते न सिर्फ बेहतरीन बल्लेबाजी का मुजाहिरा किया बल्कि श्रृखंला पर कब्जा कर चयनकर्ताओं को कप्तान के तौर पर प्रभावित किया।
भारत ने पांच मैचों की श्रृखंला 3-2 से अपने नाम की थी। दो दिन पहले अपनी 19वीं सालगिरह मनाने वाला युवा क्रिकेटर इससे पहले भी कई मौकों पर अपनी बल्लेबाजी और नेतृत्व क्षमता से चयनकर्ताओं को प्रभावित कर चुका है। मेरठ के छोटे से कस्बे परीक्षितगढ़ के निवासी खिलाड़ी ने करियर के शुरूआती दिनों में शहर की भामाशाह क्रिकेट अकादमी में जमकर पसीना बहाया है और बेहद कम समय में क्रिकेट की बुलंदियों को छुआ। प्रियम को इस मुकाम तक पहुंचने में आर्थिक संकट के साथ-साथ खेल के सामान तक के लिए जूझना पड़ा लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
जाने माने पिच क्यूरेटर शिव कुमार ने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा, ‘‘कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है। प्रियम ने इसे चरितार्थ करके दिखाया है। मैने कई खिलाड़यिों को मैदान पर कड़ा अभ्यास करते देखा है लेकिन जो जज्बा इस युवा खिलाड़ी में है,वह कम ही खिलाड़यिों में दिखायी पड़ता है। लींडिग प्लेयर बनने के सभी गुर इसमे है। मैदान पर लीडरशिप क्वालिटी, बाडी लैंग्वेज और कड़ा अभ्यास प्रियम को अन्य खिलाडियो से जुदा बनाती है।’’
उन्होंने कहा कि सुरेश रैना, आरपी सिंह , मोहम्मद कैफ और कुलदीप यादव की तरह प्रियम भी मैदान पर ज्यादा समय बिताता है और उसे तकरीबन हर मैच के बाद देर शाम तक नेट पर पसीना बहाते देखा जा सकता है। ऐसे ही गुर यूपी अंडर 16 टीम के नौनिहाल खिलाडी आराध्य में भी देखने को मिलते हैं।शिव कुमार ने कहा कि मेरठ में एक छोटे से कस्बे के इस खिलाडी के आदर्श महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर है जिन्हें उसने सात साल की आयु में टीवी पर पहली बार बल्लेबाजी करते देखा था।
यह सब उसने खुद बयां किया है। गली क्रिकेट खेल कर मैदान तक पहुंचे प्रियम का कहना था कि वह भी सचिन तेंदुलकर की तरह बड़ा खिलाड़ी बन कर दुनिया को दिखायेंगे। क्रिकेट के प्रति जुनून इस युवा खिलाडी पर इस कदर हावी था कि वह कस्बे से 22 किमी दूर स्टेडियम पर अभ्यास के लिये जाते थे। मध्यक्रम के बल्लेबाज ने 2016 में श्रीलंका में हुए अंडर-19 एशिया कप में 130 रनो का योगदान दिया था जबकि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वह अब तक 12 मैचों में 66. 69 के औसत से 867 रन बना चुके हैं। इस दौरान उनके दो शतकों में एक दोहरा शतक भी शामिल है।