नईदिल्ली। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रुप में भी जाना जाता है। देश के कई हिस्सों में इस दिन को पर्यावरण संरक्षण दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। चूंकि श्रावण मास भगवान शंकर को प्रिय है, ऐसे में इस दिन खास तौर पर भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है। यह दिन कृषि कार्य करने वालों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है और खास तौर पर इस दिन पौधरोपण भी किया जाता है। इस दौरान वे बारिश का पूर्वानुमान भी लगाते हैं, ताकि कृषि कार्य को शुरू किया जा सके।
इस दिन पौधा लगाना होता है शुभ- हरियाली अमावस्या के दिन पौधरोपण करना शुभ माना जाता है। वैसे भी पेड़-पौधे हमारी आस्था के साथ ही जीवन शक्ति से जुड़े हुए हैं। ऐसे में अलग-अलग पेड़-पौधों में विभिन्न देवताओं का भी वास होता है। जैसे पीपल वृक्ष में त्रिदेव के साथ ही अन्य देवताओं का वास माना गया है। इसी तरह केला और आंवला वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। ऐसे में खास पौधे लगाने और उनकी पूजा करने से शुभ फल के साथ ही ईश्वर की कृपा भी प्राप्त होती है।
मुहूर्त का भी रखें ध्यान- पौधरोपण अगर शुभ मुहूर्त में किए जाएं तो वे शुभ फलदायी होते हैं। ज्योतिष के मुताबिक रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढा, उत्तरा भाद्रपदा, अनुराधा, पुष्य, श्रवण, हस्त, अश्विनी, मूल और विशाखा नक्षत्र में पौधरोपण शुभ होता है।
पौधे और उन्हें लगाने से मिलने वाले लाभ- लक्ष्मी :- तुलसी, आंवला, केला, बेल का वृक्ष।
आरोग्य :- ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, आँवला, सूरजमुखी, तुलसी।
ऐश्वर्य और सौभाग्य :- अशोक, अर्जुन, नारियल और वट वृक्ष।
संतान प्राप्ति :- पीपल, नीम, बेल, नागकेशर, गु़ड़हल और अश्वगंधा।
मेधा :- आँक़ड़ा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी और तुलसी।
सुख प्राप्ति :- नीम, कदम्ब और घने छायादार वृक्ष।
आनन्द :- हरसिंगार रातरानी, मोगरा, गुलाब।