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Astrology

जाने काल भैरव के बारे में और प्रसन्न करने के उपाय

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 9 2019 1:35AM | Updated Date: Jun 9 2019 1:35AM
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ग्रंथों में कई जगहों पर वर्णन आता है कि शनि देव शिव के पुजारी हैं किंतु 'शनि महात्म्य' के अनुसार विशेष तौर पर शिव के रुद्रावतार काल भैरव की उपासना करते हैं। भैरव रूप की आराधना से जातक शत्रु से मुक्ति, संकट, कोर्ट-कचहरी के मुकदमों में विजय हासिल करता है। बहुत से समाज ऐसे हैं जहां यह कुल देवता के रूप में पूजे जाते हैं और इन्हें पूजने का प्रचलन भी भिन्न-भिन्न है, जो कि विधिवत न होकर स्थानीय परम्परा का हिस्सा है। शनि कृपा प्राप्त करने के लिए इस विधि से काल भैरव को करें प्रसन्न

कौन हैं काल भैरव और कैसे हुई इनकी उत्पत्ति
पुराणों के मुताबिक एक बार भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठ होने का विवाद हुआ । विवाद सुलझाने के लिए देवता और मुनि शिवजी के पास पहुंचे । सभी की सहमति से शिवजी को श्रेष्ठ माना गया । परंतु ब्रह्मा जी इस समाधान से खुश नहीं थे । अंहकार में ब्रह्मा जी ने शिव जी को अपशब्द कह डाले । जिसे सुनकर भोलेनाथ को गुस्‍सा आ गया, जिसके चलते भगवान भैरवनाथ का जन्म हुआ । इस दिन को ही कालभैरव अष्‍टमी के रूप में मनाते हैं ।
इस मंत्र का करें जाप
कालभैरव अष्‍टमी पर संध्‍या के समय आप एक विशेष पूजा कर सकते हैं । जिसमें भगवान भैरवनाथ को भोग अर्पित कर उनकी पूजा अर्चना कर उनसे कृपा प्राप्‍त कर सकते हैं । पूजा के साथ आप इस मंत्र का जाप करें । मंत्र – अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्, भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि ।। इस मंत्र का जाप करने से आपकी समस्‍त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी ।
कालभैरव के विशेष दिन
शास्‍त्रों में रविवार, बुधवार और गुरुवार इन तीन दिनों को भैरवनाथ का दिन बताया गया है । इन दिनों में आगे बताए जा रहे कोई भी उपाय करने से आपको भगवान भैरवनाथ की विशेष कृपा प्राप्‍त होगी और काल भैरव की पूजा करने वाले भक्त हर कार्य में सफल होंगे । कालभैरव शिव के ही रूप हैं, बटुक भैरव और काल भैरव ये दो रूप हैं जो उनके क्रोधी और सौम्‍य स्‍वरूप को दर्शाते हैं ।
कुत्‍ते को रोटी खिलाएं
बताए गए 3 दिनों में से किसी भी दिन आप दो रंग के कुत्‍ते को रोटी खिलाएं । खिलाने से पहले ये रोटी तेल में डुबो लें । अगर कुत्‍ता रोटी खा ले तो समझिए भैरवनाथ आप पर खुश हैं अगर कुत्‍ता रोटी सूंघ कर आगे बढ़ जाए तो ये क्रम अगले 3 दिनों में भी जारी रखें । जब तक आपकी ओर से बनाई गई रोटी खाई नहीं जाती समझिए आपसे भगवान प्रसन्‍न नहीं हुए हैं ।
तिल, तेल और उड़द का उपाय
सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा 11 रुपए एक साथ लेकर सवा मीटर काले कपड़े में पोटली बना लें और भगवान भैरवनाथ के मंदिर में बुधवार के दिन चढ़ा आएं । शनिवार के दिन सरसों के तेल में पापड़, पकौड़े, पुए जैसे और भी तले हुए पकवान बना लें और इसे गरीबों में जाकर बांट दें । ये उपाय आपकी आर्थिक समस्‍याओं को दूर करेगा । बुधवार के दिन सवा किलो जलेबी बनवाकर भैरव नाथ को चढ़ाएं और इसके बाद थोड़ा सा कुत्तों को खिलाकर प्रसाद के रूप में बांट दें ।
बटुकों को बांटे प्रसाद
अपने घर के आस-पास या शहर के किसी ऐसे मंदिर को खोजें जहां बाबा भैरवनाथ की पूजा ना की जाती हो, कोई पुरानी शिला, पेड़ के नीचे बने मंदिर में आप ऐसा कर सकते हैं । अब इस मंदिर में रविवार की सुबह सिंदूर, सरसों का तेल, नारियल, पुए और जलेबी लेकर पहुंच जाएं । मन लगाकर भैरवनाथ को प्रसन्‍न करें । पूजा के बाद 5 से लेकर 7 साल तक की उम्र के लड़कों को चने-चिरौंजी और चढ़ाया हुआ प्रसाद अर्पित करें ।
ये भी हैं काम के उपाय
भगवान भैरवनाथ का प्रिय पशु कुत्‍ता माना जाता है । इसकी सेवा करने से भगवान भी प्रसन्‍न हो जाते हैं । प्रति गुरुवार कुत्ते को गुड़ खिलाएं । रेलवे स्टेशन या सड़क किनारे पर मौजूद किसी कोढ़ी, भिखारी को शराब की बोतल दान कर आएं । भगवान को खुशबू समर्पित करें इसके लिए रविवार या शुक्रवार को भैरव मं‍दिर में गुलाब,चंदन,गुगल की 33 खुशबूदार अगरबत्ती जलाएं । प्रभु से अपने दुखों को हर लेने की प्रार्थना करें ।
सिर्फ रविवार को करें ये उपाय
शनिवार की रात सरसों के तेल में उड़द दाल के पकौड़े बनाएं । रात भर उन्‍हें घर पर चूल्‍हे के पास ही ढककर रख दें । सुबह होते ही पकौड़े लेकर निकल पढ़े, रास्‍ते में पहला काला कुत्‍ता दिखते ही उसे पकौड़े खिला दें । खिलाने के बाद वहां से चले जाएं, पीछे मुडकर बिलकुल भी ना देखें । इस उपाय को आपको सिर्फ रविवार को ही करना है, दूसरे दिनों में करने से इसका कोई फल आपको प्राप्‍त नहीं होगा ।
 
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