लगभग 12 वर्ष में एक बार शनि और बृहस्पति का मिलन एक ही राशि में होता है। आप अपनी परियोजना के सफलतापूर्वक अंतः के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए आप कड़ी मेहनत करेंगे। वर्षों बाद इस बार इनका मिलन गुरु की राशि धनु में ही होगा। आपका संकल्प और अच्छे प्रयास बर्बाद नहीं होंगे और आप निकट भविष्य में अच्छे फल की उम्मीद कर सकते है। आपको इस उद्यम में अपने परिवार का पूरा समर्थन प्राप्त होगा। शनि एवं केतु वहाँ पहले से ही विराजमान हैं अब गुरु के भी पहुंचने से तीनों ग्रह एक साथ हो जाएंगे, इन पर भी राहु एवं मंगल की भी पूर्ण दृष्टि पड़ रही है।
ये है वो रशिया - मेष राशि, कर्क राशि, कन्या राशि।