पितृ पक्ष 13 सितंबर से शुरू हो चुका है, जो कि 28 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाएगा। वही श्राद्ध के समय गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ खास नियम बताएं गए हैं वही जिनका पालन न करने पर उसके बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं। वही ऐसा माना जाता हैं, कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों के साथ साथ बुरी आत्माएं भी धरती पर आ जाती हैं जिनका गलत असर गर्भतवती महिलां के होने वाले बच्चे पर भी पड़ सकता हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वो कौन से कार्य हैं जिन्हें गर्भवती महिला को पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। तो आइए जानते हैं।
पितृपक्ष पर गर्भवती महिलाएं किसी एकांत स्थान या फिर जंगल की ओर भूलकर भी ना जाएं। वही माना जाता हैं कि ऐसी जगहों पर नकारात्मक शक्तियों का वास होता हैं, जो गर्भवती महिला और उसके बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता हैं। वही पितृपक्ष के दौरान गर्भवती महिलाओं के शमशान घाट के पास जाने की भी मनाही होती हैं ऐसा माना जाता हैं कि इस समय पितरों के साथ वहां पर कई बुरी आत्माएं भी मौजूद रहती हैं जो गर्भ में पल रहे शिशु और माता पर अना बुरा प्रभाव डालती है!