इन दिनों देशभर में भगवान गणेश उत्सव की धूम है...हर किसी ने अपने घर में भगवान गणेश को विराजमान किया है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार इस बार की गणेश चतुर्थी पर दो शुभ योग और ग्रहों का शुभ संयोग भी बन रहा है। जिसकी वजह से इस बार गणेश चतुर्थी का महत्व ओर भी अधिक बढ़ गया है। कहा जा रहा है अगर जातक इस बार की गणेश चतुर्थी पर बप्पा की खास विधि से पूजा-अर्चना करता है तो जातक को अधिक श्रेष्ठ फल प्राप्त हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेहनत भगवान को मोदक का भोग लगाना अनिवार्य माना जाता है। गणेश अथर्वशीर्ष में इस बात का वर्णन मिलता है कि इन्हें मोदक अधिक प्रिय है। मगर भोग लगाते समय मंत्रों का उच्चारण ज़रूर करें।
गणपत्यथर्वशीर्ष में लिखा गया मंत्र, 'यो मोदकसहस्त्रेण यजति स वांछितफलमवाप्नोति।'
अर्थात- जो भक्त गणेश जी को एक हज़ार मोदक का भोग लगाता है, उसे गणपति से मनचाहा वरदान मिलता है क्योंकि गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय है और इसलिए वे अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं।
गणेश पुराण में मोदक का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं ने अमृत से बना एक मोदक देवी पार्वती को भेंट किया। गणेश जी ने जब माता पार्वती से मोदक के गुणों को जाना तो उनकी उसे खाने की इच्छा तीव्र हो उठी। जिसके बाद उन्होंने प्रथम पूज्य बनकर चतुराई पूर्वक उस मोदक को प्राप्त कर लिया। इस मोदक को खाकर गणेश जी को अपार संतुष्टि हुई तब से मोदक गणेश जी का प्रिय हो गया।