इस बार गणेश चतुर्थी पर इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं... जिसकी वजह से गणेश चतुर्थी का महत्व बढ़ गया है। ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि गणेश चतुर्थी पर इस बार शुक्ल और रवियोग बन रहे हैं। इसके अलावा अगर ग्रहों की बात की जाए तो सिंह राशि में चतुर्ग्रही योग भी बना हुआ है। चतुर्ग्रही योग यानी सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र चार ग्रहों का शुभ योग एक साथ।
ग्रह-नक्षत्रों के इस शुभ संयोग में गणेश स्थापना को बहुत ही शुभ माना गया है। गणेश चतुर्थी का पर्व सोमवार के दिन गणेश स्थापना चित्रा नक्षत्र में की जाएगी। मंगल के इस नक्षत्र में चंद्रमा होने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। चित्रा नक्षत्र और चतुर्थी का संयोग सुबह लगभग 8 बजे से शुरू होगा
ज्योतिष के जानकारों बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता श्री गणेश की चतुर्थी पर अबकी बार ग्रह, नक्षत्रों की शुभ स्थिति से शुक्ल और रवियोग बनेगा। वहीं, सिंह राशि में चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है। यानी सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र एक साथ रहेंगे। ग्रहों के इस शुभ संयोग में गणेश जी की स्थापना से सुख/समृद्धि और शांति मिलेगी। 2 सितंबर सोमवार की शुरुआत हस्त नक्षत्र में होगी और गणेश जी की स्थापना चित्रा नक्षत्र में की जाएगी। मंगल के इस नक्षत्र में चंद्रमा होने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। चित्रा नक्षत्र और चतुर्थी तिथि का संयोग 2 सितंबर को सुबह लगभग 8 बजे से शुरू होकर पूरे दिन रहेगा।
गणेश जी की स्थापना का शुभ मुहूर्त
बताया या रहा है कि गणेश चतुर्थी पर मध्याह्न काल में अभिजित मुहूर्त के संयोग में गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना करना शुभ रहेगा। पंचांग के अनुसार अभिजित मुहूर्त सुबह 11.55 से दोपहर 12.40 तक रहेगा। दिन भर शुभ संयोग होने से किसी भी शुभ लग्न या चौघड़िया मुहूर्त में मूर्ति स्थापना कर सकते हैं। चित्रा नक्षत्र और चतुर्थी का संयोग सुबह लगभग 8 बजे से शुरू होगा।