आज 2 सितंबर दिन सोमवार को चतुर्थी तिथि सूर्योदय से प्रारंभ होकर रात्रि 1:00 बजे तक रहेगी।
प्रातः काल 7:23 से 8:57 बजे तक- इस अवधि में राहु काल रहेगा अतः गणपति प्रतिमाओं की स्थापना ना करें।
प्रातः 11:39 से दोपहर 12:29 बजे तक- मध्यान्ह काल एवं अभिजीत का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त.
दोपहर 2:09 से दोपहर 2:59 बजे तक- विजय मुहूर्त
अपराहन 3:12 से 4:45 बजे तक- लाभ नामक चौघड़िया में
सायंकाल 4:45 से 6:19 तक- अमृत नामक चौघड़िया
सायंकाल 6:07 से सायंकाल 6:31 बजे तक- गोधूलि मुहूर्त
ऐसे लाएं घर में गणेश
1- गणपति की प्रतिमा को घर में लाने से पूर्व उनके ऊपर लाल वस्त्र डाल देना चाहिए।
2- गणपति प्रतिमा का मुख् अपने मुख् की ओर हो, पीठ नहीं।
3- गणपति प्रतिमा का घर के या पंडाल के मुख्य द्वार पर पहुंचते ही आरती आदि से उनका स्वागत करना चाहिए।
4- आज चतुर्थी के दिन सिर्फ मध्यान काल में गणपति प्रतिमा की स्थापना की जानी चाहिए।
5- गणपति प्रतिमाओं की स्थापना डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन अथवा 10 दिन के लिए करनी चाहिए।
6- स्थापित गणपति प्रतिमाओं पर प्रतिदिन 21 दूर्वा 21 मोदक एवं 21 की संख्या में शमी पत्र चढ़ाने चाहिए।
7- यदि आपने घर में गणपति प्रतिमा की स्थापना की है तो उस दौरान घर में कभी ताला ना लगाएं।
8- घर में गणपति की स्थापना सदैव उत्तर या पूर्व दिशा की ओर करें भूलकर भी दक्षिण या नैरतय त्कोण में गणपति स्थापित ना करें।
गणपति की सूंड दाई या बाईं
गणपति की प्रतिमाओं को स्थापित करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए की प्रतिमाओं में गणपति की सूंड की स्थिति कैसी हो। यदि गणपति प्रतिमा की सूट दाई और घूमी हो, तो ऐसी प्रतिमा का पूजन विघ्न विनाशक, विजय प्राप्ति ,तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए किया जाता है। और यदि प्रतिमा की सूंड बाई ओर हो तो ऐसी प्रतिमा का पूजन शिक्षा ,धन प्राप्ति ,व्यवसाय में उन्नति , विवाह एवं सृजन कार्य आदि के लिए किया जाता है। यदि गणपति की स्थापना घर में करनी हो तो दाई और घूमी गणपति की सूंड वाली प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। ऐसी प्रतिमा सिद्धिविनायक कहलाती है जो सर्व सिद्धि दायक होती है।
ज्योतिर्विद राजेश साहनी