जन्म कुंडली के पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें, ग्यारहवें और बारहवें भावों में अगर मंगल विराजमान हो तो जातक के विवाह को विघटन में बदल देता है। तब मंगलिक दोष लगता है। इस दोष को विवाह के लिए अशुभ माना जाता है। अगर कुंडली में मंगल के कारण समस्या हो तो सलाह लेकर एक मोती या ओपल धारण करें। आइए जानते हैं मंगल दोष होने पर किस राशि पर पड़ता है क्या प्रभाव।
मेष राशि- मंगल दोष आम तौर पर इस राशि के लिए बाधक नहीं होता. इस कारण रिश्तों को समझने और समझाने में समस्या आती है और विवाह तय हो नहीं पाता।
वृषभ राशि- मंगल दोष होने पर इस राशि के व्यक्ति के विवाह में थोड़ी देर हो जाती है पर विवाह आम तौर पर उत्तम होता है।
मिथुन राशि- मंगल दोष होने से इस राशि के लोगों के लिए काफी समस्या पैदा हो जाती है। विवाह में विलम्ब तो होता ही है, रिश्ते बार बार बिना कारण के तय नहीं हो पाते या समझ ही नहीं आते हैं।
कर्क राशि- मंगल दोष यहां आम तौर पर नकारात्मक नहीं होता। यहां व्यक्ति बिना कारण विवाह टालता रहता है और विवाह में विलम्ब हो जाता है।
सिंह राशि- मंगल दोष इस राशि के लिए भी नकारात्मक नहीं होता। यहां मंगल दोष होने पर व्यक्ति के पास खूब सारी संपत्ति होती है।
कन्या राशि- मंगल दोष यहां समस्या देता है और विवाह में विलम्ब पैदा करता है। धन और आर्थिक स्थितियों के कारण विवाह होने में बाधा आती है।
तुला राशि- मंगल दोष से यहां विवाह में विलम्ब नहीं होता। पारिवारिक जिम्मेदारियों और करियर के कारण यहां विवाह में बाधा आती है।
वृश्चिक राशि- मंगल दोष यहां स्वास्थ्य में बाधा देता है इसलिए विवाह में बाधा आती है। बृहस्पति के कारण भी विवाह तय होकर जरूर टूटता है।
धनु राशि- मंगल दोष के कारण यहां विवाह होने में बाधा नहीं होती, वैवाहिक जीवन में उग्रता और क्रोध से बाधा आ जाती है।
मकर राशि- मंगल दोष हमेशा यहां बाधाकारक होता है। कभी कभी तो रस्में होकर भी विवाह टूट जाता है।
कुंभ राशि- मंगल दोष यहां बाधा देता है साथ ही अगर शुक्र कमजोर हो तो मुश्किलें बढ़ जाती है। व्यक्ति प्रेम में असफल होकर वैराग्य कि ओर मुड जाता है और विवाह करना ही नहीं चाहता।
मीन राशि- मंगल दोष यहां थोडा विलम्ब देता है पर बाद में वैवाहिक जीवन उत्तम कर देता है। व्यक्ति के स्वास्थ्य और रूप रंग के कारण विवाह तय नहीं हो पाता।