किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से ज्यादा डरना चाहिए। जानवर तो बस आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है। स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफादारी सबसे बड़ा संबंध है। घृणा करने से कम नहीं होती, बल्कि प्रेम से घटती है, यही शाश्वत नियम है। तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध द्वारा दंड पाओगे। हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाए।
सभी गलत कार्य मन से ही उपजाते हैं। अगर मन परिवर्तित हो जाए तो क्या गलत कार्य रह सकता है।अतीत पर ध्यान केंद्र्रित मत करो, भविष्य का सपना भी मत देखो, वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करो। क्रोधित रहना, किसी और पर फेंकने के इरादे से एक गर्म कोयला अपने हाथ में रखने की तरह है, जो तुम्हीं को जलती है।अपने शरीर को स्वस्थ रखना भी एक कर्तव्य है, अन्यथा आप अपनी मन और सोच को अच्छा और साफ नहीं रख पाएंगे।