चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया कि तमिलनाडु के स्कूल-कॉलेजों और विश्वविद्यालय समेत सभी शैक्षणिक संस्थानों में सप्ताह में कम से कम एक बार राष्ट्रीय गीत (वंदे मातरम) का गायन होना चाहिए।
के वीरामणि की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस एम वी मुरलीधरन ने यह आदेश दिया। वीरामणि ने कोर्ट से अपील की थी कि वह तमिलनाडु शिक्षक भर्ती बोर्ड को उसे एक अंक देने का आदेश दे।
वीरामणि ने याचिका में कहा कि उसने 2013 में शिक्षक पात्रता परीक्षा दी थी जिसमें उससे पूछा गया था कि राष्ट्रीय गीत किस भाषा में है। उसने जवाब में बांगला लिखा था लेकिन उत्तर कुंजी में इसका जवाब संस्कृत दिया हुआ था।
याचिकाकर्ता ने बताया कि उसे 89 अंक मिले जबकि न्यूनतम पात्रता अंक 90 थे जिसके कारण उसका चयन नहीं हो सका। उसने दावा किया कि बोर्ड की ओर से हुई गलती के कारण वह बीटी सहायक के पद पर नियुक्ति से वंचित रह गया।
वीरामणि के याचिका के जवाब में महाधिवक्ता ने 13 जुलाई को कोर्ट में बताया कि वंदे मातरम की मूल भाषा संस्कृत थी लेकिन उसे बांगला लिपि में लिखा गया था।
जस्टिस मुरलीधरन ने शैक्षणिक संस्थानों में सप्ताह में एक बार खास तौर पर सोमवार अथवा शुक्रवार को राष्ट्रीय गीत के गायन का आदेश दिया। उन्होंने इसके साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों, संस्थानों, निजी कंपनियों, फैक्टरियों और उद्योगों में माह में कम से कम एक बार राष्ट्रीय गीत को गाने का भी आदेश दिया।