चेन्नई। तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव द्वारा जल्लीकट्टू पर राज्य सरकार के अध्यादेश को मंजूर किए जाने के साथ ही इस खेल पर लगी रोक समाप्त हो गई। मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने घोषणा की पूरे तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री खुद मदुरै के आलंगल्लुर में रविवार को जल्लीकट्टू का उद्घाटन करेंगे।
इससे पहले, ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलों की समृद्ध संस्कृति पर गर्व जताया था और कहा था कि तमिल लोगों की सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु की प्रगति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए काम करती रहेगी। प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य से ही इस अध्यादेश को लागू करने का रास्ता साफ हो गया था।
इससे पहले, शुक्रवार को केंद्रीय गृह, पर्यावरण और कानून मंत्रालयों ने राज्य सरकार के इस अध्यादेश को हरी झंडी दे दी थी। इसे विशेष परिस्थितियों में मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को न भेजकर सीधे तमिलनाडु सरकार को भेज दिया गया था। इसके बाद इसपर दस्तखत के लिए राज्यपाल विद्यासागर राव शनिवार दिन में मुंबई से चेन्नई पहुंचे। राव महाराष्ट्र और तमिलनाडु दोनों राज्यों के राज्यपाल का कार्यभार संभाल रहे हैं।
जल्लीकट्टू जैसे सांस्कृतिक विषय संविधान के समवर्ती सूची में आते हैं। इस पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को कानून बनाने का अधिकार है। लेकिन राज्य द्वारा कानून बनाने की स्थिति में इस पर केंद्र की अनुमति जरूरी होती है। इसीलिए इस मसौदे पर केंद्र की मंजूरी ली गई। इस अध्यादेश के बाद तमिलनाडु और पुडुचेरी में पिछले पांच दिनों से चले आ रहे विरोध-प्रदर्शनों के समाप्त होने की उम्मीद है।