श्रीनगर। देश के शेष हिस्सों के साथ कश्मीर घाटी को जोड़ने वाले श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को हिमपात और भूस्खलन के कारण चार दिनों से बंद रखने के बाद शुक्रवार को वाहनों की आवाजाही के फिर से खोल दिया गया। यातायात पुलिस अधिकारी ने आज सुबह यूनीवार्ता को बताया कि श्रीनगर से जम्मू की ओर जाने वाले वाहन आज राजमार्ग पर चलेंगे और दूसरी ओर से वाहनों को अनुमति नहीं दी गयी है। ठंड और अत्यधिक फिसलन की स्थिति के बाद हालांकि विशेष रूप से काजीगुंड से बनिहाल और शैतान नाला के बीच यात्रियों के लिए सड़कों स्थिति ठीक होने के बाद ही यातायात की अनुमति दी गई थी।
उन्होंने बताया कि श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग में सोमवार को भारी हिमपात के कारण काजीगुंड, जवाहर सुरंग, बनिहाल और शैतान नाला और कई स्थानों पर पत्थर गिरने की ताजा घटनाओं को ध्यान में रखते हुए वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी। लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण ने गुरुवार अपराह्न अत्याधुनिक मशीनों से राजमार्ग पर बफर और भूस्खलन के बाद आये मलबे को हटाने का काम शुरू किया। अधिकारी ने बताया कि राजमार्ग को एक ओर से खोल दिये जाने के बाद रास्ते में फंसे हुए वाह नों को अपने गंतव्य स्थान की ओर जाने की अनुमति दी गयी है। ट्रकों, आवश्यक वस्तुओं के अलावा तेल, डीजल और एलपीजी टैंकर को कश्मीर की ओर आने की अनुमति दी गयी है।
राजमार्ग पर लगातार वाहनों की आवाजाही को रोकने से कश्मीर घाटी के लोग जरुरत की वस्तुओं, ताजा सब्जियों, एलपीजी और अन्य वस्तुओं की अत्यधिक कमी का सामाना कर रहे हैं। घाटी के लोग देश के अन्य हिस्सों से आने वाली वस्तुओं पर पूरी तरह निर्भर रहते हैं। विशेषकर दिल्ली, पंजाब और राजस्थान से आने वाले सामान पर ये लोग निर्भर रहते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद रहने के बाद से आवश्यक वस्तुओं की कमी होने से इनके दाम तेजी से बढ़ गये है। श्रीनगर-लेह का 434 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग और 86 किलोमीटर लंबा ऐतिहासिक मुगल रोड फिर से बंद पड़ा है और अत्यधिक हिमपात और फिसलन के कारण अप्रैल-मई से पहले इस रोड के खुलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।