औरंगाबाद। घातक बीमारियों से दो वर्ष तक के बच्चों को बचाने और उनके बेहतर पोषण के लिए केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम मिशन इंद्रधनुष बिहार में औरंगाबाद जिले के हसपुरा प्रखंड और शहरी इलाके में कारगर साबित हो रहा है। इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के कर्मी घर-घर जाकर शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सात प्रकार के वैक्सीन से प्रतिरक्षित कर रहे हैं।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनय कुमार सिंह ने आज यहां बताया कि दोनों प्रखंडों में सर्वे के आधार पर इस अभियान के लिए 61 सत्रों का चयन किया गया है, जिसके तहत अब तक 110 से अधिक गर्भवती महिलाओं और 450 से अधिक बच्चों को चिन्हित किया गया है। इस अभियान के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विभिन्न प्रकार के वैक्सीन से प्रति रक्षित करने के लिए विभाग के कर्मी घर-घर जाकर जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं और इसके लिए खास करके मलिन तथा दलित बस्तियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां के लोग अक्सर सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।
सिंह ने बताया कि सोमवर को जिले के दानी बिगहा सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 के तहत केंद्र लगाया गया। कई बच्चों को टीके लगाए गए। उन्होंने कहा कि सघन मिशन इंद्रधनुष टीकारण से वंचित बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव और छूटे हुए टीके लगवाने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गयी है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत बच्चों को सात तरह के टीके लगाए जाएंगे, जिससे उन्हें विविध प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सभी वैक्सीन सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर नि:शुल्क दिए जाएंगे।