25 Apr 2024, 01:36:00 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
State

गीतों के ऋषि थे कवि नीरज : लालजी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 22 2019 1:39AM | Updated Date: Jul 22 2019 1:39AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

पटना। बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने कवि गोपालदास नीरज को गीतों का ऋषि बताया और कहा कि उनकी कविताओं में जिन्दगी की रवानी और प्रकृति के आकर्षक चित्र तो हैं ही, उनमें जीवन का दर्शन, अध्यात्म के रंग और भविष्य के प्रति दूरदर्शी दृष्टि अनमोल रूप से समाहित हैं। टंडन ने यहां संस्था ‘धरोहर’ के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम ‘एक शाम डॉ. गोपाल दास नीरज के नाम’ को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘कवि नीरज गीतों के ऋषि थे। उनकी कविताओं में जिन्दगी की रवानी और प्रकृति के आकर्षक चित्र तो हैं ही, उनमें जीवन का दर्शन, अध्यात्म के रंग और भविष्य के प्रति दूरदर्शी दृष्टि अनमोल रूप से समाहित हैं।’’
 
राज्यपाल ने अपना साहित्यिक संस्मरण सुनाते हुए कहा, ‘‘महान साहित्यकार अमृतलाल नागर मुझे पुत्रवत स्रेह देते थे। उनके यहां हिन्दी के तत्कालीन साहित्यकारों का खूब जमावड़ा लगता था। नीरज जी से पहली मुलाकात मेरी वहीं हुई थी। बाद में वर्ष 1960 में लखनऊ में ही अमृतलाल नागर की अध्यक्षता में ही एक कवि सम्मेलन हुआ था, जिसमें नीरज जी तीन बजे सुबह में काव्य-पाठ के लिए मंच पर आये और फिर देर तक काव्य-पाठ करते हुए सबको भाव-विभोर कर दिया।’’
 
टंडन ने कहा कि लखनऊ के कवि-सम्मेलनों से कवि नीरज का रिश्ता अंत तक बना रहा। एक बार उनके पर्यटन मंत्री रहते वह एक कवि-सम्मेलन में आये जहां नवोदित कवियों में भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी युद्ध करने के लिए काफी दबाव डालते हुए कई कविताएं पढ़ीं। लेकिन, कवि नीरज ने बीच में ही माईक थामकर एक शानदार कविता पढ़ी; जिसमें युद्ध की विभीषिका की ओर इंगित करते हुए शांति और भाईचारे का संदेश था। 
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »