चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के बारे में टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि प्रज्ञा होश में नहीं हैं। प्रज्ञा ने कथित रूप से कहा था कि यह उनके ‘श्राप‘ के कारण ही था कि तत्कालीन आतंकवाद निरोधक दस्ते प्रमुख करकरे की 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में मौत हो गई। कैप्टन ने कहा कि यह औरत होश में नहीं है। कोई विवेकशील व्यक्ति इस तरह की बात न सोच सकता है न कह सकता है और वह भी उस पुलिस अधिकारी के बारे में जिसने देश के लिए अपनी जान दे दी।
कैप्टन ने प्रज्ञा के बयान पर रोष व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘क्या उनका दिमाग ठिकाने पर है? साध्वी ने आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे पर हमला कर देशभक्ति को बदनाम किया है। भाजपा प्रत्याशी का एक अधिकारी की स्मृति का अपमान सभी पुलिसकर्मियों का और हर भारतीय का अपमान है।‘‘ कैप्टन ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा की टिप्पणी ने भाजपा का असली चेहरा दिखा दिया है जो राष्ट्रवाद को अपना चुनावी मुद्दा बता रही हे और खुद को राष्ट्र का रक्षक बता रही है। उन्होंने कहा कि दो भाजपा नेता उस प्रेस वार्ता में शामिल थे जिसमें साध्वी ने यह टिप्पणी की पर उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर को रोकने की कोशिश नहीं की इससे यही पता चलता है कि भाजपा का ‘भगवा एजेंडा‘ उनकी देशभक्ति, राष्ट्रवाद से भी ऊपर है। टिप्पणी को साध्वी की ‘निजी राय‘ करार देने के पार्टी के प्रयासों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का हर सदस्य, खासकर प्रत्याशी पार्टी की सोच और विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए भाजपा इस मामले में अपनी जिम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पिछले पांच सालों के कुशासन में तमाम लोकतांत्रिक संस्थानों को तबाह करने के बाद भाजपा अब ऐसे पूर्वाग्रहग्रस्त व विभाजनकारी तत्वों को बढ़ावा दे रही है और चुनावी मैदान में उतारकर सभ्यता के मूल ढांचे को नष्ट कर रही है। कैप्टन ने कहा, ‘‘भाजपा ने अपराधियों और विभाजनकारी तत्वों को लाकर चुनाव का मजाक बना दिया है।‘‘ उन्होंने जानना चाहा कि यदि पार्टी साध्वी के विचारों से सहमत नहीं है तो वह पार्टी में क्यों है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शर्मनाक है कि एक तरफ भाजपा नेता सेनाओं की देशभक्ति व कार्य का श्रेय ले रहे हैं और दूसरी तरफ पुलिस अधिकारियों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कैसा राष्ट्रवाद है? इसके लिए तो स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की कुर्बानी नहीं दी थी।