पंचकूला। समझौता ब्लास्ट केस में बुधवार को बड़ा फैसला आया। हरियाणा की पंचकूला की विशेष एनआईए कोर्ट ने पाकिस्तान की महिला राहिला वकील की याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही असीमानंद और महू के लोकेश शर्मा और देपालपुर के कमल चौहान व राजिंदर चौधरी को बरी कर दिया गया। हालांकि, इस मामले में कुल आठ आरोपी थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है, जबकि तीन को भगोड़ा घोषित किया गया है। समझौता ब्लास्ट में अपने पिता को खोने वाली पाकिस्तानी महिला राहिला वकील ने एनआईए कोर्ट में भारतीय एडवोकेट मोमिन मलिक के जरिये अर्जी दाखिल कर इस केस में गवाही देने की अनुमति मांगी थी। 18 मार्च की सुनवाई में एनआईए कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपना-अपना पक्ष रखा था। राहिला वकील ने अपनी याचिका ने कुछ और चश्मदीदों के बयान रिकॉर्ड करने की अपील की थी। इस पर अदालत ने कहा था कि चश्मदीदों को छह बार समन भेजा गया, लेकिन वे नहीं आए।