श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं और अलगाववादियों ने कश्मीर घाटी में एक निजी स्कूल के प्रधानाध्यापक रिजवान असद पंडित की पुलिस हिरासत में हुई मौत की निंदा करते हुये दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है। पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कहा कि हिरासत में हुई इस मौत से कश्मीर में शांति की संभावना खत्म हो सकती है। हाल ही में राज्य में ‘जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट’ नाम से एक नयी राजनीतिक पार्टी बनाने वाले श्री फैसल ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मामले में एक समय-सीमा के अंदर जांच होनी चाहिए और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। मेरी संवेदना मृतक के परिवार के साथ है।’’ मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुये माकपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा कि कोई भी सभ्य समाज इस तरह का कृत्य बर्दाश्त नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘रिजवान पंडित की हिरासत में हुई मौत की पारदर्शी तरीके से और समय-सीमा में जांच होनी चाहिए और सरकार को मामले में न्यायिक जांच का तुरंत आदेश देना चाहिए। हिरासत में मौत किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है और इस मामले में शामिल सभी लोगों को कठोर सजा दी जानी चाहिए। हिरासत में हत्या एक क्रूरता है और क्रूरता जिस भी रूप में हो अस्वीकार्य है।’’ इस बीच, उदारवादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने आरोप लगाया कि हिरासत में हुई इस मौत से एक बार फिर कश्मीर के लोगों की ‘बेबसी’ उजागर हो गयी है। मीरवाइज ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘अवंतिपुरा के युवक रिजवान अहमद की हिरासत में हुई मौत पर बहुत व्याकुल हूं।
हिरासत में हुई इस मौत ने एक बार फिर कश्मीरियों की बेबसी और असुरक्षा को उजागर कर दिया है।’’ पूर्व मंत्री और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सजाद गनी लोन ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘श्रीनगर में पुलिस की हिरासत में हुई मौत की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। इस घटना ने कश्मीर में मानव जीवन की पवित्रता को कम कर दिया है। मेरी संवेदना मृतक के परिवार के साथ है।’’ इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और सुश्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस घटना पर रोष प्रकट किया है और दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष श्री अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे लगता था कि हिरासत में होने वाली मौतें अब अतीत की बात हो चुकी हैं। यह एक अस्वीकार्य घटना है और इसका पारदर्शी तरीके से और समय-सीमा के अंदर जांच की जानी चाहिए एवं दोषियों को कठोर सजा दी जानी चाहिए।
’’ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष सुश्री महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘निर्दोष लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है और उन्हें ताबूत में भेजा जा रहा है। भारत सरकार का दमनकारी दृष्टिकोण शिक्षित युवाओं में असुरक्षा की भावना जगा रहा है जिससे वे हथियार उठाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अपने अस्वस्थ और अंध राष्ट्रवाद का प्रदर्शन करने के लिए कश्मीर का इस्तेमाल करना बंद करें। हम बहुत नुकसान उठा चुके हैं।’’ रिजवान असद पंडित की जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह की हिरासत में मंगलवार तड़के मौत हो गई थी। वह इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में गेस्ट लेक्चरर भी रह चुके थे।