नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता भारत की महिला भारोत्तोलक सीमा पर डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन करने के मामले में चार वर्ष का प्रतिबंध लगाया गया है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने जारी बयान में बताया कि विशाखापत्तनम में इस वर्ष हुई 34वीं राष्ट्रीय महिला भारोत्तोलक चैंपियनशिप के दौरान सीमा के नमूने लिये गये थे।
एजेंसी ने कहा,‘‘ सीमा के शरीर में चैंपियनशिप के दौरान प्रदर्शन बेहतर करने के लिये प्रतिबंधित दवाओं की मौजूदगी पायी गयी है, जो साफतौर पर धोखाधड़ी का मामला है और डोपिंग रोधी नियमों का भी सिरे से उल्लंघन है। बयान के अनुसार,‘‘सीमा के नमूनों में प्रतिबंधित दवा हाईड्रॉक्सी-4, सेलेक्टिव एस्ट्रोजन रिसेप्टर मोड्यूलर मेथेलोन, एनाबोलिक स्टेरोएड ओस्टारिन, सेलेक्टिव एंड्रोजन रिसेप्टर मोड्यूलर जैसे पदार्थों की मौजूदगी पायी गयी है।
ये सभी पदार्थ वैश्विक डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की वर्ष 2019 की प्रतिबंधित दवाओं की सूची में शामिल हैं। नाडा की डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक जांच समिति ने सीमा को डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के मामले में चार वर्ष के लिये प्रतिबंधित किया है। उल्लेखनीय है कि सीमा ने वर्ष 2017 की राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था तथा वर्ष 2018 के गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 75 किग्रा वर्ग में छठा स्थान हासिल किया था।