जालंधर। विश्व के छह देशों और 12 कबड्डी फेडरशनों ने मिल कर फैसला किया है कि विश्व कबड्डी कप में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़यिों को डोप टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना होगा। वर्ल्ड कबड्डी ड्रग कमेटी के अध्यक्ष शाबा थिआरा ने गुरूवार को पत्रकार सम्मेलन में बताया कि हाल ही में कमेटी की अमेरिका में हुई बैठक में विश्व की 11 कबड्डी फेडरेशनों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है कि कबड्डी खिलाड़यिों को एक जनवरी 2020 से शुरू होने वाले कबड्डी सत्र के लिए डोप टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि यह टेस्ट 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक चंडीगढ़ स्थित यूएसए की कंपनी क्वेस्ट की प्रयोगशाला में करवाने होंगे। डोप टेस्ट में असफल पाये गए खिलाड़ी पुन: अपना टेस्ट करवा सकते हैं। थिआरा ने बताया कि गत वर्ल्ड कबड्डी कप के समय करवाए गए डोप टेस्ट के दौरान 18 फीसदी खिलाड़ी स्टेरॉयड के आदी पाये गए थे।
उन्होंने बताया कि स्टेरॉयड टीका को प्रतिबंधित किया गया है और डोप टेस्ट में स्टेरॉयड टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जो भी खिलाड़ी डोप में असफल पाया गया वह खेल में हिस्सा नहीं ले सकेगा। उन्होंने खिलाड़यिों से अपील की है कि टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के इच्छुक खिलाड़ी अपना डोप टेस्ट करवा कर रिपोर्ट अपनी फेडरेशन में जमा करवाएं।