नूर सुल्तान। जाने माने कोच और अर्जुन अवार्डी कृपाशंकर ने भारत के दिग्गज पहलवान बजंरग पुनिया की गुरुवार को विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में 65 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफानल में हार पर सवाल उठाये हैं। बजरंग को कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव ने बराबरी का स्कोर रहने के बाद भी मात दे दी। दोनों खिलाड़ियों का स्कोर 9-9 रहा लेकिन कजाकिस्तान के खिलाड़ी ने एक दाव चार अंक का लगाया जिसके कारण बजंरग को हार मिली। इस फैसले से हालांकि बजरंग नाखुश दिखे। लेकिन उनके लिए प्रसन्नता की बात यही रही कि उन्होंने इस वजन वर्ग में देश को ओलम्पिक कोटा दिला दिया। कृपाशंकर ने मुकाबले का विश्लेषण करते हुए कहा कि दौलत ने बजरंग पर सिंगल लेग अटैक किया और टेकडाउन से पटक दो अंक लेकर अच्छी शुरुआत की। बजरंग ने हालांकि तुरंत वापसी करते हुए स्कोर बराबर कर लिया।
पहले 3 मिनट के राउंड के बाद स्कोर 2-2 से बराबर था।उन्होंने कहा कि सारा विवाद दूसरे और अंतिम 3 मिनट के राउंड के दौरान हुआ जहां रेफरी तो अपना काम ईमानदारी से कर रहा था पर मैट चेयरमैन और जज ने अपना काम ईमानदारी के साथ नहीं किया। अर्जुन अवार्डी कोच ने कहा, ‘‘दूसरे राउंड में दौलत ने बजरंग को पीले जोन से बाहर प्रोटेक्शन एरिए में गिराया। हालांकि बजरंग ने टेकनीक अपलाय किया लेकिन बजरंग की टेकनीक पर दौलत के हाथ नहीं खुले, पकड़ मजबूत थी और बजरंग पीठ के बल सीधे डेंजर पोजीशन में आ कर गिरे। दौलत के अच्छे काउंटर की बदौलत उन्हें 4 अंक प्राप्त हुये और स्कोर 6-2 हो गया। लेकिन बजरंग के कोच शाको बेंटिनिडिस इस परिणाम से संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने 4 अंको पर ज्यूरी के समक्ष चैलेंज किया जो असफल रहा जिससे 1 अंक और कजाकिस्तान के पहलवान के हक में मिल गया।
दौलत 7-2 से आगे हो गए।’’ कृपाशंकर ने आरोप लगाया कि दौलत ने इसके बाद ईमानदारीपूर्वक खेल प्रदर्शन और खेल भावना को किनारे ही कर दिया। रेफरी द्वारा उसे बार बार कॉशन और बजरंग को अंक दिये गए परंतु मैट चेयरमैन और जज ने जैसे आंखे मूंद ली थी। बजरंग ने वापसी करते हुए स्कोर 9-9 से बराबर किया। दौलत ने इस दौरान बजरंग के मुंह पर हाथ मारा। रेफरी द्वारा उसे तत्काल कॉशन और बजरंग को 1 अंक दिया लेकिन मेट चेयरमैन और जज ने इसे अस्वीकार कर दिया। अंतिम सेकंड में बजरंग ने दौलत को छकाते हुये दो अंक लेग अटैक पर लिए और स्कोर 9-9 कर दिया लेकिन चार अंक के बड़े दाव के कारण दौलत के हिस्से जीत आई।