नई दिल्ली। नौ साल बाद विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में वापसी कर रहे दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में शुक्रवार से शुरू हो रही फ्री स्टाइल स्पर्धाओं में इतिहास दोहराने के इरादे से उतरेंगे जबकि मौजूदा नंबर एक बजरंग पूनिया पदक का रंग बदलने की उम्मीद के साथ चुनौती पेश करेंगे। भारतीय पहलवानों के लिये विश्व चैंपियनशिप टोक्यो ओलंपिक का क्वालिफिकेशन हासिल करने के लिहाज से अहम टूर्नामेंट है।
यह ओलंपिक के लिये पहला क्वालिफाइंग टूर्नामेंट है और उम्मीद है कि ये दोनों दिग्गज पहलवान देश के लिये पदक जीतने के साथ कोटा हासिल करेंगे। सुशील ने नौ वर्ष पहले मॉस्को में हुई विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था जो इस प्रतियोगिता में देश का एकमात्र स्वर्ण भी है। सुशील ने ट्रॉयल जीतकर नौ साल बाद इस प्रतियोगिता में उतरने का हक पाया है। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता पहलवान बजरंग अपने 65 किग्रा वर्ग में दुनिया के नंबर एक पहलवान हैं और हाल ही में उन्हें देश का सर्वाच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न देने की घोषणा की गयी थी।
विश्व प्रतियोगिता की तैयारी में व्यस्त होने के कारण बजरंग यह सम्मान नहीं ले सके थे। लेकिन वह स्वर्ण पदक जीतकर खेल रत्न ग्रहण करना पसंद करेंगे। अनुभवी सुशील पर 74 किग्रा भार वर्ग में सभी की निगाहें रहेंगी जो एक बार फिर देश के लिये ओलंपिक पदक लाने का लक्ष्य रख रहे हैं। ओलंपिक में कांस्य और रजत जीत चुके सुशील का लक्ष्य टोक्यो में स्वर्ण जीतना है लेकिन इसके लिये पहले उन्हें विश्व चैंपियनशिप में अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप खेलना होगा।