नई दिल्ली। एशिया महिला डिविजन- 1 रग्बी-15 चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर इतिहास बनाने वाली भारतीय महिला रग्बी टीम की पांच खिलाड़ियों को शुक्रवार को यहां सम्मानित किया गया। भारतीय महिला रग्बी टीम की यह पांच खिलाड़ी सुमित्रा नायक, हुपी मांझी, रजनी साबर, मीरारानी हेम्ब्रम और पारबती किस्कू ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित कंिलगा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआईएसएस) की छात्राएं हैं। केआईएसएस के संस्थापक प्रो. अच्युत सामंत ने इन खिलाड़यिों को सम्मानित करते हुए उम्मीद जतायी कि ये खिलाड़ी और भारतीय महिला रग्बी टीम इसी तरह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक जीतना जारी रखेंगी।
फिलीपींस के मनीला में 17 से 23 जून तक आयोजित एशिया महिला डिविजन- 1 रग्बी-15 चैंपियनशिप में भारतीय टीम ने सिंगापुर को रोमांचक मुकाबले में 21-19 से हराकर कांस्य पदक जीता था। भारतीय टीम का रग्बी में यह पहला अंतर्राष्ट्रीय पदक था। भारत की जीत में सुमित्रा नायक की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी जिन्होंने अंतिम क्षणों में पेनल्टी पर तीन अंक स्कोर कर भारत को रग्बी में पहला अंतर्राष्ट्रीय पदक दिलाया था। सुमित्रा ने इस अवसर पर कहा, ‘‘हम बहुत गरीब घरों से आती हैं। दिल्ली क्या है यह तो हमें मालूम भी नहीं था। सर सामंत ने हमें सिखाया कि दिल में जज्बा हो तो जीवन में कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
हम आगे भी अच्छा करेंगी और देश को एक दिन स्वर्ण पदक दिलाएंगी।’’प्रो. सामंत ने इन छात्राओं की संघर्ष गाथा को बयां करते हुए बताया कि किस तरह इन खिलाड़ियों ने कमजोर पृष्ठभूमि से बाहर निकलकर ना केवल देश का नाम रोशन किया है बल्कि अपने लिए भी एक मुकाम बनाया है। उन्होंने बताया कि केआईएसएस के छात्र-छात्राएं आगामी ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए कड़ी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने साथ ही बताया कि उनकी पहल पर 2006 में उनके संस्थान के जनजातीय छात्रों का रग्बी से तब परिचय कराया गया था जब यह भारत में लोकप्रिय भी नहीं था।