मुंबई। भारत में प्रो कबड्डी लीग की बढ़ती कामयाबी से उत्साहित कबड्डी खिलाड़ियों ने देश के इस प्राचीन खेल को ओलम्पिक में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। प्रो कबड्डी लीग की 12 में से आठ टीमों चैंपियन बेंगलुरु बुल्स, दबंग दिल्ली, हरियाणा स्टीलर्स, पटना पाइरेट्स, पुणेरी पल्टन, तमिल तलाईवास, तेलुगू टाइटंस और यूपी योद्धा के 24 खिलाड़ियों ने सोमवार को यहां मशहूर ऑफ हाईवे टायर निर्माता कंपनी बालकृष्ण इंडस्ट्रीज लिमिटेड (बीकेटी) के साथ करार के अवसर पर यह संकल्प व्यक्त किया।
24 खिलाड़ियों ने एक स्वर में कहा - कबड्डी को यदि भविष्य में ओलम्पिक में शामिल किया जाता है तो यह न केवल देश के लिए बल्कि भारतीय कबड्डी के लिए काफी अच्छा होगा। हम इस खेल में देश को ओलम्पिक पदक भी दिला सकते हैं। इस अवसर पर बीकेटी के संयुक्त प्रबंध निदेशक राजीव पोद्दार ने भी कहा कि मिट्टी का यह खेल देश में अब मीलों आगे निकल चुका है और इस खेल को और आगे ले जाने के प्रयास किये जाने चाहिए तथा इस प्रयास में बीकेटी का पूरा सहयोग रहेगा।
एशियाई खेलों में सात बार का अपना खिताब गंवाने और कांस्य पदक से संतोष करने के बारे में पूछे जाने पर पटना टीम के प्रदीप नरवाल, हरियाणा टीम के मोनू गोयत, चैंपियन बेंगलुरु के सुमित और दबंग दिल्ली के विशाल माने सहित सभी मौजूद खिलाड़ियों ने कहा, ‘‘भारतीय टीम के एशियाई खेलों में हारने का हम सभी को गहरा दु:ख है।
लेकिन यह मानना होगा कि कबड्डी ने पिछले छह वर्षों के दौरान काफी तरक्की की है और यह अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेला जाने लगा है। वैसे भी एक बार की गलती से सबक मिलता है और हम जकार्ता की गलती से सबक लेकर अगले खेलों में बेहतर प्रदर्शन करेंगे और अपना स्वर्ण पदक वापस लाएंगे।
24 खिलाड़ियों ने साथ ही कहा - सीजन एक से छह तक कबड्डी में काफी बदलाव आ चुका है। हमने तो कभी सोचा भी नहीं था कि कबड्डी से हमें इतना नाम और सम्मान मिलेगा। पहले हम सिर्फ जिला और राज्य स्तर पर ही कबड्डी खेला करते थे लेकिन अब हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हैं। कबड्डी का बदला स्वरुप इसी बात से जाहिर होता है कि पहले सत्र का सबसे महंगा खिलाड़ी 12 लाख रुपये का था और छठे सत्र का सबसे महंगा खिलाड़ी डेढ़ करोड़ रुपये का था।