नई दिल्ली। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की दर तिमाही दर तिमाही आधार पर घट कर दूसरी तिमाही में 7.5 से 7.6 प्रतिशत तक रह सकती है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की सोमवार को जारी एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यत: ग्रामीण बाजार में नरमी की वजह से वृद्धि प्रभावित हुई है। सीएसओ शुक्रवार को जुलाई-सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़ें के अनुमान जारी करेगा। चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी।
बैंक की ‘एसबीआई इकोरैप’ रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीआई के संपूर्ण प्रमुख सूचकांक (सीएलआई) सितंबर तिमाही में वृद्धि दर में हल्की गिरावट का संकेत दे रहे हैं। इन सूचकांकों में 21 अलग अलग सूचकांक शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र की मांग धीमी होने से सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) आधारित वृद्धि दर दूसरी तिमाही में (जुलाई-सितंबर) में 7.3 से 7.4 रह सकती है। इकोरैप ने कहा हमारा अनुमान है कि सितंबर तिमाही में जीवीए वृद्धि पर करीब 0.3 प्रतिशत का फर्क पड़ेगा। कर संग्रह के आधार पर सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.5 से 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री, घरेलू स्तर पर हवाई यात्रियों की संख्या और सीमेंट उत्पादन में दोगुना की वृद्धि बनी हुई है।