नई दिल्ली। चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने भारतीय रेलवे को अब तक का सबसे तेज इंजन सौंप दिया है। अनुमान है कि यह इंजन 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकता है। डब्ल्यूएपी 5 मोडिफाइड इंजन में ड्राइवर के कंफर्ट और सेफ्टी का भी ख्याल रखा गया है।
पहला इंजन गाजियाबाद में भेजा गया है। इसे राजधानी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में इसे इस्तेमाल किए जाने की उम्मीद है। नए इंजन की वजह से ट्रेन का ट्रैवल टाइम घट जाएगा।
इंजन को इस तरह तैयार किया गया है कि 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर भी अधिक वाइब्रेशन न हो और यह स्टेबल भी रहे। नए इंजन में सीसीटीवी कैमरा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर भी लगाया गया जो ड्राइवर के बीच बातचीत को 90 दिनों के लिए रिकॉर्ड कर रखेगा। इस इंजन में बिजली की भी खपत कम होगी क्योंकि इसमें नेक्स्ट जेनरेशन रिजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है।
नए इंजन को बनाने में करीब 13 करोड़ रुपये का खर्च आया है। हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने भारतीय रेलवे के 100 फीसदी बिजली वाली ट्रेनों चलाने की महत्वकांक्षी योजना को मंजूरी दी थी। इसके चलते चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने पिछले वित्त वर्ष में 300 यात्री और 50 माल वाले इंजनों का निर्माण किया है।
कम होगा ट्रेवल टाइम
रेलवे इन दिनों अपनी ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की कोशिशों में जुटा है। चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा बनाया गया यह इंजन इस दिशा में कारगार साबित हो सकता है। हालांकि भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना को भी पूर्व में मंजूरी दी जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक डब्ल्यूएपी 5 में अपने आप व्यवस्थित होने वाला गियर है जो 5,400 हॉर्स पावर की ताकत पैदा करता है।