नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2022 तक दोगुनी होकर 5000 अरब डॉलर की हो जाएगी और इसमें विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) तथा कृषि क्षेत्र का योगदान 1.1 हजार अरब डॉलर का होगा। गुरुवार को भारतीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी केंद्र की आधारशिला रखे जाने के मौके पर मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार देश के हित में कड़े निर्णय करने से नहीं हिचकेगी।
इसी संदर्भ में उन्होंने ने इसी सप्ताह सरकारी क्षेत्र के तीन बैंकों - देना बैंक, विजया बैंक तथा बैंक आॅफ बड़ौदा के विलय की घोषणा का जिक्र किया। इस विलय से बना बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत से अधिक दर से वृद्धि कर रही है और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) तथा खुदरा (रिटेल) क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का वृहत आर्थिक आधार मजबूत है। उन्होंने कहा कि सरकार के मेक इन इंडिया पर जोर देने से अभी उपयोग हो रहे 80 प्रतिशत मोबाइल फोन देश में बनने लगे हैं। इससे विदेशी मुद्रा खर्च में तीन लाख करोड़ रुपये की बचत करने में मदद मिली है मोदी ने कहा कि सरकार में कड़े निर्णय लेने का साहस है। बैंकों के विलय के अलावा उन्होंने सरकार के साहसिक कदमों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन का जिक्र किया। जीएसटी में केंद्रीय और राज्यों के स्तर के 17 करों को समाहित कर दिया गया है।