नई दिल्ली। भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (ऐच्छिक ऋणशोधन प्रक्रिया) (संशोधन), नियम गुरूवार से प्रभावी हो गया। भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने इसमें संशोधन को अधिसूचित कर दिया है। इस संशोधन में व्यवस्था की गई है कि ऋण शोधन कराने वाला बिना दावे के लाभांश और अवितरित मुनाफा यदि कोई है, तो विलियन के लिए किसी आवेदन को जमा करने से पूर्व उस राशि को ऋण शोधन की प्रक्रिया में कॉरपोरेट ऐच्छिक ऋण शोधन खाते में अर्जित आमदनी के साथ जमा कराएगा। इसमें साझेदार के लिए कॉरपोरेट ऐच्छिक ऋण शोधन खाते से धनराशि निकालने की व्यवस्था भी की गयी है।