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दालों का आयात करमुक्त हो : दलहन एसोसिएशन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 9 2020 3:02PM | Updated Date: Jan 9 2020 3:02PM
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नई दिल्ली। इंडिया पल्सेज एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (आईपीजीए) ने देश में पर्याप्त मात्रा में विभिन्न प्रकार की दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इन्हें आयात को कर मुक्त करने की मांग की है। एसोसिएशन के चेयरमैन जीतू भेदा और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप घेरपदे ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार की नीतियों के कारण पिछले कुछ वर्षो के दौरान देश में दलहनों की पैदावार में भारी वृद्धि हुयी है और इसका आयात काफी कम हुआ है।
 
इस वर्ष 230 लाख टन दलहनों के उत्पादन होगा जबकि मांग 260 लाख टन की है । ऐसे में 30 लाख टन दालों का आयात किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को दलहनों का बेहतर मूल्य मिले इसके लिए सरकार ने दालों की आयात सीमा निर्धारित कर दी है जिसके कारण अधिक मात्रा में किसी खास प्रकार की दालों का आयात नहीं किया जा सकेता। देश में हरी मटर की सालों भर मांग रहती है लेकिन इसके आयात पर जिनते तरह का कर है उससे एक किलो आयातित हरे मटर का मूल्य 300 रुपये होगा।
 
इसी प्रकार से देश में पीली मटर की दाल की भी भारी मांग है लेकिन चने के उत्पादन में वृद्धि के कारण पीली मटर दाल के आयात सीमा पर रोक है।  इस वर्ष भारी वर्षा से उड़द की फसल को भारी नुकसान हुआ है । देश में औसतन करीब 30 लाख टन उड़द की पैदावार होती है लेकिन इस बार इसके उत्पादन में 40 से 50 प्रतिशत की कमी होने का अनुमान है। उन्होंने हरे मटर , उड़द और पीली मटर दाल के आयात में कर प्रणाली समाप्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन का 12 से 14 फरवरी तक महाराष्ट्र के एम्बी वैली सिटी लोनावला में सम्मेलन हो रहा है जिसमें देश की दलहन नीति , दलहन उत्पादन एवं इसके उपयोग , प्रसंस्करण , मूल्य संवर्द्धन , प्रोटीन की उपलब्धता , तथा कटाई के बाद प्रबंधन आदि विषयों पर चर्चा की जायेगी।
 
सम्मेलन में करीब 1500 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे जिनमें अमेरिका , आस्ट्रेलिया , कनाडा , म्यंमार और अफ्रिकी देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं । उन्होंने कहा कि दलों को लेकर सरकार को ऐसी योजना बनानी होगी जिससे किसान और उपभोक्ता दोनों लाभान्वित हों। एसोसिएशन सरकार के साथ मिलकर गरीबों को किफायती दर पर दलें उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है ताकि मांग और उत्पादन के बीच संतुलन बनाया जा सके। 
 
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