नई दिल्ली। दस्तकारी हाट समिति का वार्षिक क्राफ्ट बाजार आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है और यहां हर उम्र के लोग अपनी पसंद की वस्तुयें खरीद रहे हैं। दूरदराज के क्षेत्रों के दस्तकारों को बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए काम करने वाली दस्तकारी हाट समिति का 15 दिवसीय वार्षिक क्राफ्ट बाजार दिल्ली हाट में लगा हुआ है जो 15 जनवरी तक चलेगा। समिति ने पड़ोसी राष्ट्रों के साथ मधुर संबंधों को बरकरार रखने के मकसद से इस साल अपने सालाना क्रॉफ्ट बाजार में बंगलादेश के साथ हुनर एवं शिल्प एक्सचेंज कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसे वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत विकास आयुक्त हस्तशिल्प के कार्यालय का समर्थन प्राप्त है।
समिति की संस्थापक जया जेटली ने सोमवार को कहा कि इस पहल के जरिए यह देखने की कोशिश की गयी है कि प्रत्येक व्यक्ति किस तरह से दूसरे व्यक्ति के हुनर और उन्नत्ति से कामयाब होता है। पिछले साल यैलो रिबन कैम्पेन की शुरूआत की गयी थी जो दर्शकों को दिल्ली हाट में उपस्थित उन असल शिल्पियों की पहचान करने में मददगार होता है जो इस बाज़ार से जुड़े हैं। क्राफ्ट बाज़ार को दर्शकों से मिली प्रतिक्रियाओं तथा विभिन्न शिल्पियों द्वारा पेश डिजाइन इनोवेशन को देखकर बहुत खुशी मिलती है।
बंगलादेश के जिन कारीगरों एवं शिल्पियों ने भारतीय कारीगरों के साथ जुगलबंदी की है उनमें बंगलादेश की तेहरा बेगम और पश्चिम बंगाल की अलीमा खातून, बंगलादेश की नक्शी कांथा और सुनीति कार तथा दिल्ली से उमर दराज, बंगलादेश की श्वेतज जहां तिथि और पश्चिम बंगाल की कल्पना दास, बंगलादेश के एमडी हारून तथा उत्तर प्रदेश की शिवकुमारी, बंगलादेश की जोश्ना बेगम और दिल्ली की शांति पासवान शामिल हैं। इस एक्सचेंज पहल के तहत निर्मित नवीन कलाकृतियों को क्राफ्ट बाजार के अंतिम दो दिन प्रदर्शित किया जाएगा।