कमेटी हिसार। हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी नेताओं ने आज आरोप लगाया कि किलोमीटर स्कीम के तहत निजी बसें चलाने पर बसों के संचालन के खर्च को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और परिवहन मंत्र मूलचंद शर्मा के बयान सच्चाई से परहे हैं। कमेटी के वरिष्ठ सदस्य राजपाल नैन और अन्य के यहां जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री ने कहा है कि किलोमीटर स्कीम की निजी बसें 26 रूपये 92 पैसे में प्रति किलोमीटर उपलब्ध होंगी जबकि हरियाणा रोडवेज की बसों का खर्चा 52 रूपये प्रति किलोमीटर आ रहा है जो सच्चाई से बिलकुल परे है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री ने रोडवेज के सुविधागत ढांचे के निर्माण और उसमें लगी पूंजी के ब्याज से लेकर, बस स्टैंड कर्मचारियों, निदेशालय के वेतन का खर्च से लेकर प्रिंटिंग व स्टेशनरी सरीखे कार्यालयीन खर्च को नहीं जोड़ा और अगर यह जोड़ेंगे तो प्रति किलोमीटर एक निजी बस के संचालन का खर्च 46 रुपये 95 पैसे हो जायेगा। नैन ने विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं को याद दिलाने की कोशिश की कि 2018 में जब रोडवेज कर्मचारियों ने जब 18 दिन किलोमीटर स्कीम के खिलाफ हड़ताल की थी तो उन्हें मिले जनसमर्थन को देखकर कैसे तमाम दलों के नेताओं ने सत्ता में आने पर इसे रद्द करने का वायदा किया था।
नैन ने खासकर जननायक जनता पार्टी नेता दुष्यंत चौटाला को निशाना बनाया जो गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं। नैन ने कहा कि दुष्यंत ने बसों में सफर करके सवारियों से सीधे संवाद करते हुए रोडवेज में किलोमीटर स्कीम रद्द करने, ठेका प्रथा बन्द करने, आउटसोर्सिंग पॉलिसी खत्म करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, पंजाब के समान वेतनमान देने, हाऊस रेंट 2016 से देने समेत कई तरह के वादे किए थे।
नैन ने कहा कि जननायक देवी लाल के नाम से बनी जजपा आज सत्ता में है और दुष्यंत उपमुख्यमंत्री। उन्होंने कहा कि दुष्यंत को यह भी नहीं भूलना चहिए कि 1979 में सबसे पहले ताऊ देवी लाल ने ही विद्यार्थी बस पास की सुविधा गांवों के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने को बढ़ावा देने के लिए शुरू करवाई थी और आज हरियाणा रोडवेज की सरकारी बसों में आज 30 श्रेणियों में यात्रियों को नि:शुल्क या रियायती दर पर यात्रा की सुविधा है।