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नई रेत नीति से प्राप्त हुए 1234 करोड़ के ऑफर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 27 2019 8:03PM | Updated Date: Dec 27 2019 8:03PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश में नई रेत नीति लागू होने से खनिज राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। केवल 36 जिलों में रेत नीलामी में प्राप्त निविदाओं में कुल 1234 करोड़ के ऑफर प्राप्त हुए हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बीते एक वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि इसी तरह, ई-नीलामी में छतरपुर जिले की 364 हेक्टेयर की बंदर हीरा खदान को आदित्य बिड़ला ग्रुप की कम्पनी मेसर्स ऐस्सल माइनिंग एण्ड इण्डस्ट्रीज लिमिटेड, मुम्बई को 30.05 प्रतिशत अधिक बोली लगाने पर पट्टे पर दी गई है। राज्य शासन ने हाल ही में इस कम्पनी को हीरा बंदर खदान का आशय-पत्र सौपा है।
 
उन्होंने बताया कि बंदर हीरा खदान से सम्पूर्ण पट्टा अवधि में राज्य सरकार को 23 हजार 506 करोड़ राजस्व मिलेगा। जायसवाल ने बताया कि नये रेत नियम-2019 अंतर्गत प्रदेश के रेत उपलब्ध कुल 43 जिला समूह के लिये रेत खदानों के संचालन के लिये निविदाएँ जारी की गई थीं। इसका सरकारी आरक्षित मूल्य लगभग 475 करोड़ रुपये रखा गया था जिसके, विरुद्ध मात्र 36 जिलों के लिये खोले गये प्राप्त वित्तीय प्रस्तावों में कुल 1234 करोड़ रुपये के ऑफर प्राप्त हुए हैं। मुख्य खनिज की सफलतापूर्वक नीलामी प्रक्रिया पूर्ण होने पर प्रदेश को लगभग 6,331 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होना अनुमानित है। कुछ जिला समूह के लिये नियत ऑफसेट प्राइज की तुलना में 6 गुना से भी अधिक के वित्तीय प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
 
होशंगाबाद जिले के लिये ऑफसेट प्राइज में 100 करोड़ रुपये के विरुद्ध 217 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। नई नीति में निविदाकार रेत खदानों की नीलामी में कार्यवाही को ऑनलाइन लाइव देख पा रहे हैं। खनिज साधन मंत्री ने बताया कि बैंगलुरु में आयोजित माइंिनग मजमा मेला-सह-कॉन्फ्रेंस में मध्यप्रदेश की खनिज संबंधी उपलब्धियों और अन्य गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया। खनिज साधन विभाग द्वारा प्रदेश के 8 क्षेत्रों में खनिजों का पूर्वेक्षण/खोज कार्य किया जा रहा है। इसमें जिला दमोह, धार और सतना में खनिज चूना पत्थर तथा जिला डिण्डोरी में खनिज बॉक्साइट, लेटेराइट एवं जिला मंदसौर में लेटेराइट का सर्वेक्षण/पूर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है। इन क्षेत्रों में खनिज का भण्डारण प्रमाणित होने पर नियमानुसार ई-ऑक्शन प्रक्रिया से खनिज ब्लॉक की नीलामी की जाएगी। प्रदेश में उपलब्ध खनिज सम्पदा का पता लगाने एवं पूर्वेक्षण कार्य के लिये एनएमडीसी, एमओआईएल, एमईसीएल से एमओयू साइन किया गया है।
 
जायसवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में अभी तक 2226 करोड़ 85 लाख का राजस्व संग्रहण किया गया है। पिछले साल इसी अवधि में संग्रहित खनिज राजस्व की तुलना में यह 34 करोड़ 35 लाख अधिक है। उन्होंने बताया कि जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम-2016 डीएमएफ में इस वित्तीय वर्ष में नवम्बर तक 495 करोड़ 2 लाख और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास में 34 करोड़ 12 लाख रुपये राजस्व प्राप्त हुआ। इस दौरान खनिजों के अवैध उत्खनन के 1330, अवैध परिवहन के 8294 और अवैध भण्डारण के 531 प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई। अवैध उत्खनन से 5 करोड़ 27 लाख 51 हजार रुपये, अवैध परिवहन से 24 करोड़ 12 लाख 20 हजार रुपये और अवैध भण्डारण से एक करोड़ 36 लाख 55 हजार रुपये के अर्थदण्ड की वसूली की गई।
 
प्रदेश में खनिजों के अन्वेषण में पिछले एक वर्ष में 2224 मीटर सर्वेक्षण, 15.211 वर्ग किलोमीटर विस्तृत मानचित्रण, 2003.95 मीटर वेधन, 172 घन मीटर पिटिंग/ट्रेचिंग तथा 6150 नमूनों का विश्लेषण किया गया। इस वित्तीय वर्ष में तृतीय चरण की नीलामी के लिये 13 खनिज खण्डों का चिन्हांकन कर चूना पत्थर की 5, स्वर्ण धातु की 2, आधारभूत खनिजों की 3, हीरा खनिज तथा ग्रेफाइट खनिज और बॉक्साइट खनिज के एक-एक ब्लॉक को ई-नीलामी से निवर्तन के लिये राज्य शासन द्वारा एनआईटी प्रकाशित की गई। निविदा विज्ञप्ति में बंदर डायमण्ड ब्लॉक तहसील बक्सवाहा जिला छतरपुर में एसेल माइंिनग एण्ड इण्डस्ट्रीज के 30.05 प्रतिशत उच्चतम बोली प्राप्त होने पर नियमानुसार अधिमानी बोलीदार घोषित किया गया। बंदर हीरा खदान से राज्य सरकार को सम्पूर्ण पट्टा अवधि में कुल 23506 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होगा। एमईसीएल नागपुर द्वारा एनएमईटी फण्ड से सतना जिले के जमोड़ी महन्ना, घुंघचिहाई तथा नौबस्ता-कोलार्ड ब्लॉक में चूना पत्थर एवं खनिज के लिये जी-2 स्तर का पूर्वेक्षण कार्य किया गया है।
 
नेशनल मिनरल डेव्हलपमेंट हैदराबाद द्वारा राज्य शासन के साथ किये गये एमओयू के तहत प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, सीधी, दमोह, जबलपुर एवं कटनी जिलों के 24 क्षेत्रों में हीरा एवं आयरन खनिज के लिये पूर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। मैंगनीज ओर इण्डिया लिमिटेड, नागपुर द्वारा एमओयू के तहत बालाघाट, छिन्दवाड़ा और जबलपुर जिले में मैंगनीज खनिज की खोज के लिये पूर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार मैंगनीज ओर इण्डिया लिमिटेड नागपुर से प्रदेश में उपलब्ध खनिज भण्डारों का पता लगाने के लिये पूर्वेक्षण कार्यों की गति को बढ़ाने के लिये एमओयू किया जा रहा है। मध्यप्रदेश रेत नियम-2019 में रेत खनिज के निवर्तन के लिये जिलेवार रेत खदानों के समूह बनाकर ई-टेण्डर की प्रक्रिया लागू की गई है। इससे निविदाओं के माध्यम से रेत खदानों के संचालन का प्रावधान किया गया है। इस प्रक्रिया से राज्य शासन को अधिकतम राजस्व की प्राप्ति होगी। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम में संशोधन किये गये हैं। विधि विभाग से परीक्षण के बाद नये नियमों को अधिसूचित कर दिया जायेगा।
 
नर्मदा नदी में रेत खनिज का उत्खनन मशीनों से नहीं किया जा सकेगा। अन्य नदियों में रेत खनिज उत्खनन में मशीन का उपयोग करने की अनुमति पर्यावरण स्वीकृति के आधार पर दिये जाने का प्रावधान किया गया है। संबंधित ग्राम पंचायतों को इससे प्राप्त होने वाली राशि में भी वृद्धि के प्रावधान किये गये हैं। प्रदेश में 25 करोड़ का निवेश कर उद्योग स्थापित करने के इच्छुक आवेदकों को अनुसूची-5 के उत्खनन पट्टे नीलामी के बिना आवंटित किये जायेंगे।खनिज नियमों में संशोधन कर पत्थर को बारीक पीसकर एमसेंट बनाने की लीज स्वीकृत करने का भी प्रावधान किया गया है। लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिये रॉयल्टी दर 25 रुपये प्रति घन मीटर तय की गई है। ग्रेनाइट जैसे आकारीय पत्थर की खदानों में खनिज ब्लॉक में उत्पादन के दौरान वेस्ट मेटेरियल उत्पादित होता है। उससे गिट्टी एवं बोल्डर बनाकर विक्रय करने का प्रावधान किया गया है। इसकी रॉयल्टी दर 120 रुपये प्रति घनमीटर रखी गई है। किसानों को शासकीय तालाब, बाँध, नहर, जल-निकाय और जल-संरचनाओं से निकलने वाली गाद का भूमि सुधार के लिये नि:शुल्क उपयोग करने की छूट देने का भी प्रावधान किया गया है।
 
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