मुबंई। जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने वालों के बैंक खातों सहित उनकी संपत्तियां जब्त कर सकते हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से जारी मानक परिचालन प्रक्रिया के मुताबिक जीएसटी आयुक्त केंद्रीय जीएसटी अधिनियम की धारा 83 के मुताबिक अनंतिम रूप से संपत्ति जब्त कर सकता है। एसओपी के मुताबिक इसके साथ ही वह एक विशेष अवधि तक रिटर्न दाखिल करने का काम पूरा नहीं करने पर पंजीकरण भी रद्द कर सकता है। यह खास अवधि कितनी होगी, इस पर अभी फैसला होना बाकी है।
अगर कोई कारोबारी निर्धारित अवधि में रिटर्न फाइल नहीं करता है तो फिर उसका पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है। हालांकि सरकार ने निर्धारित समय सीमा की अवधि को तय नहीं किया है। इस धारा के मुताबिक कमिश्नर किसी भी संपत्ति को असेसी के बैंक खाते सहित कुर्क कर सकता है। इसके लिए उसे संपत्ति के विवरणों का उल्लेख करते हुए निर्दिष्ट रूप में एक आदेश जारी करना होगा। यह कार्रवाई नोटिस प्राप्त करने के बाद भी 15 दिनों में रिटर्न दाखिल न करने पर होगी।
जीएसटी अधिकारियों ने 1,600 करोड़ रुपये की फर्जी इनवॉयस से जुड़े एक रैकेट का खुलासा किया है, जिससे 241 करोड़ रुपये की कर चोरी को अंजाम दिया गया। बृहस्पतिवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। सीजीएसटी दिल्ली दक्षिण आयुक्त कार्यालय की चोरी-रोधी इकाई ने इस रैकेट का भंडाफोड़ किया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस रैकेट के मुख्य अभियुक्त को एक स्थानीय अदालत ने 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों ने कई कंपनियां बनाईं और इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इसमें कहा गया, ‘इन घपले में अभी तक 120 इकाइयों की लिप्तता सामने आई है। 1,600 करोड़ रुपये की फर्जी इनवॉयस जारी की गईं और 241 करोड़ रुपये की कर चोरी हुई।’