नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे विमान ईंधन पर लगने वाले मूल्य वर्द्धित कर (वैट) को घटाकर चार प्रतिशत या इससे कम करने के लिए तत्काल अधिसूचना जारी करें। पुरी ने उत्तर तथा पश्चिम भारत के राज्यों के उच्चाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की गयी बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत शुरू की गयी उड़ानों के लिए विमान ईंधन पर वैट घटाकर एक प्रतिशत कर दी है, लेकिन राज्यों की राजधानी तथा अन्य बड़े शहरों से जाने वाली अन्य वाणिज्यिक उड़ानों के लिए राज्य 18 से 30 प्रतिशत के बीच कर लगा रहे हैं।
उन्होंने राज्यों के प्रतिनिधियों से कहा है कि वे तत्काल जरूरी अधिसूचना जारी कर अपने यहाँ वाणिज्यिक उड़ानों के लिए वैट की दर घटाकर एक से चार प्रतिशत के बीच करें ताकि घरेलू विमान सेवा कंपनियाँ परिचालन जारी रख सकें। इस बैठक में राज्यों की ओर से मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों या नागरिक उड्डयन विभाग के सचिवों/निदेशकों ने हिस्सा लिया। बैठक 24 दिसंबर को हुई थी। उल्लेखनीय है कि पेट्रोल, डीजल के साथ विमान ईंधन को भी अभी वस्तु एवं सेवा कर के दायरे से बाहर रखा गया है तथा उन पर राज्य वैट लगाते हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय लंबे समय से इसे जीएसटी के दायरे में लाने की माँग कर रहा है। उसका कहना है कि इससे विमान सेवा कंपनियों वित्तीय स्थिति में सुधार आयेगा। वित्तीय संकट के कारण 25 साल पुरानी एयरलाइन जेट एयरवेज इस साल के पूर्वाध में बंद हो चुकी है। एयरलाइन के कुल व्यय का 35 से 40 प्रतिशत विमान ईंधन के मद में खर्च होता है।