नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय रेलवे के 114 साल पुराने प्रशासनिक ढांचे में फेरबदल करते हुए आठ विभागीय सेवाओं को एकीकृत कर भारतीय रेल प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) का गठन कर दिया है तथा रेलवे बोर्ड के ढांचे का आकार आधा करने के साथ ही जोनल महाप्रबंधकों को केन्द्र सरकार के सचिव के समकक्ष बना दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में मंत्रिमंडल के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि रेलवे में इंजीनियंिरग, मैकेनिकल, इलैक्ट्रिकल्स, लेखा, भंडारण, कार्मिक, यातायात, सिगनल एवं टेलीकॉम सेवाओं को मिला कर एक सेवा भारतीय रेल प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) करने को आज मंजूरी दे दी गयी है। यह निर्णय आज से ही लागू हो गया है।
उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड का पहली बार गठन 1905 में किया गया था। करीब 114 साल से रेलवे विभागीय गुटों में बंटी थी। आठों सेवाओं के अधिकारी पहले अपने अपने विभाग के प्रति ही ज्Þयादा समर्पित रहते थे और बोर्ड के सदस्य बनने पर समग्र रेलवे की बजाय अपने अपने विभागों की चिंता करते थे। इस निर्णय से रेलवे में विभागीय गुटबाजी समाप्त होगी और रेलवे में निर्णय प्रक्रिया की गति तेज होगी तथा भारतीय रेलवे 21वीं सदी की नयी चुनौतियों का सामना करने में अधिक सक्षम होगी।