नई दिल्ली। प्याज और लहसुन के साथ-साथ खाने के तेल में भी महंगाई का तड़का लग गया है। आयात महंगा होने से खाने के तमाम तेलों के दाम में भारी इजाफा हुआ है और आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को इसके लिए अपनी जेब और ढीली करनी पड़ सकती है क्योंकि खाद्य तेल की महंगाई से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। पाम तेल के दाम में बीते दो महीने में 35 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। देश के बाजारों में पाम तेल का दाम करीब 20 रुपये प्रति किलो बढ़ा है। पाम तेल में आई तेजी से अन्य खाद्य तेलों के दाम में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई है।
तेल-तिलहन बाजार विशेषज्ञ सलिल जैन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि बीते दो महीने से खाने के तमाम तेलों के दाम को पाम तेल से सपोर्ट मिल रहा है और मलेशिया एवं इंडोनेशिया से लगातार पाम तेल का आयात महंगा होने से खाद्य तेल की महंगाई आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। हालांकि खाद्य तेल उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी. वी मेहता का कहना है अंतर्राष्ट्रीय बाजार से आयात महंगा होने के कारण आज भारत में खाद्य तेलों के दाम में वृद्धि देखी जा रही, लेकिन इससे देश के किसानों को तिलहनों का ऊंचा भाव मिल रहा है, जिससे वे तिलहनों की खेती करने को लेकर उत्साहित होंगे।