नई दिल्ली। केंद्रीय इस्पात मंत्री धमेंद्र प्रधान ने आज राज्यसभा में कहा कि अमेरिका और चीन के व्यापारिक तनाव से दुनिया भर का इस्पात उद्योग भारी दबाव से गुजर रहा है जबकि भारतीय बाजार मे सुधार के संकेत दिखायी दे रहे हैं। प्रधान ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि दुनिया के साथ भारतीय इस्पात उद्योग भी दबाव में हैं लेकिन इसमें सुधार हो रहा है। वर्ष 2014-15 में देश में इस्पात का उत्पादन 10 करोड़ 95 लाख 50 हजार टन था जोकि वर्ष 2018-19 में बढ़कर 14 करोड़ 22 लाख 40 हजार टन हो गया है।
उन्हेंने कहा कि दो करोड़ 80 टन क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सरकार ने इस्पात स्क्रैप नीति जारी कर दी है और इसके तहत उद्योगों को सुविधायें प्रदान करती है। उन्हेंने कहा कि फिलहाल देशभर में स्क्रैब केंद्र बनाने की योजना नहीं है। एक पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पुराने वाहनों की आयु तय करने के संबंध में पर्यावरण और सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय काम रहे हैं। अंतिम निर्णय के बाद इस्पात मंत्रालय इनके निपटान की नीति निर्धारित करेगा।