नई दिल्ली। दिन ब दिन प्याज की बढ़ती किमतों ने लोगों की रसोई पर गहरा प्रभाव डाला है। मोदी सरकार प्याज की कीमतों में और कमी लाने जा रही है। आसमान पर पहुंचे प्याज के दाम थामने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। प्याज की कीमत के 80 रुपये के आसमान पर पहुंचने के बाद इसकी कीमत पर अंकुश लगाने और इसकी घरेलू आपूर्ति में सुधार लाने के प्रयास के तहत बुधवार को कृषि मंत्रालय ने 30 नवंबर तक आयातित प्याज के धुम्र-उपचार करने के मानदंड में ढील दी है। प्याज के दाम को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार एमएमटीसी को एक लाख टन प्याज आयात करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को ट्वीट के माध्यम से बताया कि सरकार ने एक लाख टन प्याज आयात करने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा, "सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक लाख टन प्याज के आयात का फैसला लिया है। एमएमटीसी 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच आयातित प्याज देश में वितरण के लिए उपलब्ध कराएगा और नैफेड को देश के हर हिस्से में प्याज का वितरण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।" गौरतलब है कि प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए कैबिनेट सचिव ने उपभोक्ता मामलों के सचिव के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर देश के विभिन्न हिस्सों में प्याज की किल्लत की समीक्षा की थी। एमएमटीसी को दुबई व अन्य देशों से प्याज का आयात कर देश में इसकी उपलब्धता बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।