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कल से पूरे देश में बदल जाएंगे ये नियम - आपकी जिंदगी पर पड़ेगा ये असर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 30 2019 1:15PM | Updated Date: Sep 30 2019 1:16PM
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मुंबई। 1 अक्टूबर 2019 यानि कल से देशभर में कई नए नियम लागू हो जाएंगे। इन नियमों के बदलने से आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा। जहां कुछ जगहो पर राहत मिलेगी वहीं कुछ जगहों पर आपकी जेब पर बोझ बढ़ेगा। अगर आपने समय रहते इन नियमों पर ध्यान नहीं दिया तो आपका नुकसान होना तय है। तो आप भी जानिए नए नियमों के बारे में जो 1 अक्टूबर 2019 से लागू हो जाएंगे।
 
SBI करेगा बड़ा बदलाव
पहला सबसे बड़ा बदलाव मंथली एवरेज बैलेंस (MAB) को लेकर होने वाला है। एसबीआई के बैंक अकाउंट में मंथली एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाने पर चार्ज में कटौती होने वाली है। यह कटौती लगभग 80 फीसदी तक की हो सकती है। अभी आपका बैंक अकाउंट अगर मेट्रो सिटी और शहरी इलाके की ब्रांच में है, तो आपको खाते में एवरेज मंथली बैलेंस क्रमश: 5,000 रुपए और 3,000 रुपए रखना होता है।
 
GST की दरों में आएगी कमी
केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर से कई चीजों पर GST की दरों को घटाने का फैसला लिया है। नए नियमों के तहत अब 1000 रुपये तक के किराए वाले होटल के रूम के लिए टैक्स नहीं देना होगा। 7500 रुपये तक किराए वाले रूम के लिए किराए पर 12 फीसदी GST देना होगा।
 
ओबीसी में होगा ये बदलाव  
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) ने रेपो रेट से लिंक्ड नए रिटेल व एमएसई लोन प्रॉडक्ट लॉन्च किए हैं। ये लोन 1 अक्टूबर 2019 से उपलब्ध होंगे। एमएसई और रिटेल लोन के तहत ओबीसी द्वारा दिए जाने वाले सभी नए फ्लोटिंग रेट लोन रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दर पर मिलेंगे। इन नए प्रॉडक्ट्स में रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन की ब्याज दर 8.35 फीसदी से शुरू होगी, जबकि एमएसई के लिए लोन की ब्याज दर
8.65 फीसदी से शुरू होगी।
 
होम और ऑटो लोन होंगे सस्ते
भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक समेत निजी क्षेत्र के फेडरल बैक ने 1 अक्टूबर 2019 से अपनी खुदरा कर्ज की ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ने का फैसला किया है। इससे बैंक ग्राहकों को करीब 0.30 प्रतिशत तक सस्ती दरों पर होम और ऑटो लोन मिल सकेगा। बता दें कि अभी तक सभी बैंक एमसीएलआर पर आधारित ब्याज दर से कर्ज देते हैं। 
 
पेट्रोल-डीजल खरीदने पर नहीं मिलेगा कैशबैक
एसबीआई क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल-डीजल खरीदने पर अब आपको 0.75 फीसदी कैशबैक नहीं मिलेगा। नियम लागू होने से पहले ही एसबीआई अपने ग्राहकों को मैसेज भेजकर बता रहा है कि वह 1 अक्टूबर 2019 से इसे बंद करने जा रहा है। बता दें कि अभी तक एसबीआई के क्रेडिट कार्ड के जरिए पेट्रोल-डीजल खरीदने पर ग्राहकों को 0.75 प्रतिशत कैशबैक मिलता था। लेकिन अब एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी ने कैशबैक स्कीम को वापस लेने का निर्देश दिया है।
 
इन चीजों पर बढ़ जाएगा जीएसटी
रेल गाड़ी के सवारी डिब्बे और वैगन पर जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। पेय पदार्थों पर जीएसटी की वर्तमान 18 फीसदी की दर की जगह 28 फीसदी की दर से टैक्‍स और 12 फीसदी का अतिरिक्त सेस लगाया गया है।
 
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते 20​ सितंबर को कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की घोषणा करते हुए इसे 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया था। इसके पहले भारतीय कंपनियों को 30 फीसदी टैक्स के अलावा सरचार्ज देना पड़ता था, जबकि विदेशी कंपनियों को 40 फीसदी टैक्स देना पड़ता था। वित्त मंत्री की इस घोषणा के मुताबिक, 1 अक्टूबर 2019 के बाद सेटअप किए गए मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पास 15 फीसदी टैक्स भरने का विकल्प होगा। इसके बाद इन कंपनियों पर सरचार्ज और टैक्स समेत कुल चार्ज 17.01 फीसदी हो जाएगा। 
 
2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन
2 अक्टूबर 2019 (150वीं गांधी जयंती) से सरकार देशभर में प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट के इस्तेमाल पर पाबंदी से जुड़ा अभियान शुरू करेगी। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। सरकार के इस कदम से कई नए बिजनेस शुरू करने के ऑप्शन्स भी खुलेंगे।
 
बदल जाएगी पेंशन पॉलिसी
1 अक्टूबर 2019 से मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और रक्षा विभाग से जुड़े कर्मियों के लिए पेंशन पॉलिसी में बदलाव करने जा रही है। नए नियम के तहत अगर किसी कर्मचारी की सर्विस को 7 साल पूरे हो गए हैं और उसकी मृत्यू हो जाती है तो उसके परिजनों को बढ़े हुए पेंशन का फायदा मिलेगा। मोदी सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। बता दें कि अभी तक ऐसी स्थिति में आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से पेंशन मिलती थी, लेकिन अब 7 साल से कम की सर्विस में भी कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिजन बढ़ी हुए पेंशन के लिए एलिजिबल होंगे।
 
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