नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों को झटका दिया है। SBI ने रेपो रेट लिंक्ड होम लोन रोक दिया है। अपने ट्विटर हैंडल के जरिये देश के सबसे बड़े बैंक ने यह जानकारी दी है। आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक देश का पहला ऐसा बैंक था जिसने अपने होम लोन को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट से जोड़ा था। अब बैंक सिर्फ मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट पर लोन दे रही है।
उसके बाद कई बैंकों ने ऐसी योजना का एलान किया था। एसबीआई ने ट्वीट के माध्यम से एक यूजर को दिए जवाब में कहा कि आरएलएलआर आधारिमत होम लोन योजना को वापस ले लिया गया है। इसके बजाय एमसीएलआर आधारित होम लोन योजना बनी रहेगी। रेपो से जुड़ी ब्याज दर आधारित होम लोन योजना तुलनात्मक रूप से नया उत्पाद है।
एक सितंबर 2019 से प्रभावी एसबीआई की रेपो से जुड़ी उधारी दर (आरएलएलआर) 7.65 फीसदी तय की गई थी। हालांकि इस पर आधारित होम लोन कर्ज की मात्रा पर निर्भर होने की बात कही गई थी।एमसीएलआर बैंक का आंतरिक बेंचमार्क है और देखने में आया है कि यह ग्राहकों को रेपो दर में कमी का फायदा पहुंचाने में नाकाम रहा है।
इसलिए आरबीआई ने एलान किया था कि बैंकों द्वारा एक अक्टूबर से सभी नए परिवर्तनीय (फ्लोटिंग) दर वाले पर्सनल, खुदरा व एमएसएमई कर्ज बाह्य बेंचमार्क से जोड़ दिए जाएंगे। हालांकि, बैंक अपना बेंचमार्क तय करने को स्वतंत्र होंगे। इनमें आरबीआई की नीतिगत दर, सरकार की फाइनेंशियल बेंचमार्क ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित भारत सरकार की तीन महीने की ट्रेजरी बिल प्राप्ति, छह महीने की प्राप्ति या एफबीआईएल द्वारा प्रकाशित अन्य बेंचमार्क ब्याज दर कोई भी हो सकती है।