नई दिल्ली। वित्तीय संकट का सामना कर रही और करीब 60 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के कर्ज स्थानांतरण के लिए बनी कंपनी एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड ने पूँजी बाजार में बॉन्ड जारी कर सात हजार करोड़ रुपये जुटाये हैं। एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने बताया कि एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) ने तीन साल के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बॉन्ड जारी किया था।
इसके साथ ही ‘ग्रीन शू’ विकल्प के तहत छह हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त अभिदान स्वीकार करने का भी प्रावधान था। उन्होंने बताया कि 6.99 प्रतिशत ब्याज दर पर जारी इस बॉन्ड के लिए 20,830 करोड़ रुपये का अभिदान प्राप्त हुआ। प्रवक्ता ने बताया कि यह बीएसई के इतिहास में बॉन्ड बाजार का सबसे बड़ा अभिदान है। एयर इंडिया के विनिवेश से पहले उसका 29 हजार करोड़ रुपये का कर्ज एआईएएचएल को स्थानांतरित किया जाना है।
पिछले साल के उत्तरार्द्ध में कंपनी के विनिवेश का पहला प्रयास विफल होने के बाद दुबारा सत्ता में आने पर मोदी सरकार एक बार फिर विनिवेश की तैयारी कर रही है। पिछली बार 74 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली आमंत्रित की गयी थी, लेकिन कोई खरीददार सामने नहीं आया। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी संकेत दे चुके हैं कि इस बार सरकार शत-प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा जारी करेगी। विनिवेश प्रक्रिया की निगरानी और इस संबंध में फैसले लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह का गठन हो चुका है।