नई दिल्ली। सरकार ने गुजरात के एक गांव में पशुपालन के साथ बायोगैस और मुर्गी पालन का नया प्रयोग शुरु किया है जिससे किसानों की आय में भारी वृद्धि का अनुमान है। पशुपालन ,डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह और राज्य मंत्री संजीव बालियान ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गुजरात के आनंद जिले के जकरिया गांव में 368 किसान पशुपालन करते हैं जो अमूल को दूध बेचते हैं । इन किसानों में 70 प्रतिशत ऐसे हैं जिनके पास एक एकड़ से कम जमीन है।
इन किसानों के पशुओं के गोबर को एक बायोगैस प्लांट में डाला जाता है । इससे तैयार गैस की घरों में आपूर्ति की जाती है और बायोगैस से जो बायो स्लरी निकलता है उसे दो रुपये प्रतिकिलो की दर से बेच दिया जाता है । इस प्लांट से प्रतिदिन 22 टन बायो स्लरी निकलता है। सिंह और बालियान ने कहा कि पहले इस गांव के किसानों को दूध का सालाना 66 लाख रुपये मिलता था। दूध, बायो स्लरी और गैस का मूल्य जोड़ने से यह सालाना दो करोड़ रुपये हो जाता है।
उन्होंने कहा कि इस गांव के दस परिवार पशु पालन के साथ घर पीछे में मुर्गी पालन के लिए तैयार हो गये हैं । इन परिवारों को 200 - 200 चूजा दिया जायेगा जिससे उनकी आय में भारी वृद्धि का अनुमान हैं । मुर्गी के लिए अंडा देने वाली प्रजाति का चयन किया गया है। इसकी सफलता के बाद गुजरात के 33 जिलों में एक एक ऐसे केन्द्र की स्थापना की जायेगी।